गर्भवती बीवी को साइकिल से ले जा रहा था अस्पताल, रास्ते में हुई नवजात की मौत
आंबा गांव के रहने वाले निवासी सीता अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर साधन के अभाव में गुरुवार को दोपहर तीन बजे साइकल पर लेकर मामेर पीएचसी के लिए निकले थे। ऊबड़-खाबड़ पथरीले गड्ढे युक्त मार्ग पर प्रसूता दर्द से कराहती रही।
नई दिल्ली। सरकार की तरफ से जच्चा-बच्चा को सुरक्षा देने के तमाम दावे फेल साबित हो रहे हैं। ताजा मामला राजस्थान के उदयपुर के कोटड़ा इलाके का है। जहां प्रसव पीड़ा होने पर प्रसूता को साइकिल पर अस्पताल ले जाना पड़ा। इस मामले में जहां महिला ने अपने नवजात को खो दिया वहीं उसकी भी हालत गंभीर बनी हुई है। ऐसा ही मामला दो दिन पहले भी हुआ था जहां प्रसूता को झोली में अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में ही प्रसव हो गया था। दोनों ही मामले बेड़ाधर पंचायत के राजस्व गांव आंबा के हैं।
गर्भवती बीबी को साइकिल पर लेकर निकलना पड़ा
आंबा गांव के रहने वाले निवासी सीता अपनी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर साधन के अभाव में गुरुवार को दोपहर तीन बजे साइकल पर लेकर मामेर पीएचसी के लिए निकले थे। ऊबड़-खाबड़ पथरीले गड्ढे युक्त मार्ग पर प्रसूता दर्द से कराहती रही। आधा रास्ता भी पार नहीं हुआ कि प्रसव पीड़ा अधिक होने पर ग्रामीणों की मदद से रास्ते में ही प्रसव कराने की कोशिश की गई। इसमें महिला ने मृत बच्चे को जन्म दिया। यहां से परिजन महिला को वापस घर लेकर चले गए, जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जीप में हुआ प्रसव
इसी तरह दो दिन पहले आंबा निवासी इंदिरा देवी पत्नी मुकेश पारगी को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन उसे झोली में डाल कर मामेर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए रवाना हुए। करीब छह किमी चलने पर किस्मत से एक जीप मिल गई। इसमें अस्पताल जाने लगे, लेकिन दर्द अधिक होने पर परिवार की महिलाओं ने जीप में प्रसव करवाया। इसके बाद परिवार वाले मां और बच्चे को मामेर अस्पताल ले गए, जहां मौजूद चिकित्सक ने रास्ते में प्रसव होना बताकर मातृ सुरक्षा के तहत किसी भी तरह का लाभ मिलने से मना कर दिया।
युवक की हुई थी मौत
ऐसा ही मामला झारखंड में भी देखने को मिला था। जहां अपनी पत्नी को लेकर युवक अस्पताल पहुंचता उसके पहले युवक की ही मौत गई। पत्नी गर्भवती थी और रात से परेशान भी। वाहन को कोई सहारा नहीं देखकर उसे साइकिल से लेकर अस्पताल पहुंचा। अस्पताल पहुंचने के बाद पत्नी को डॉक्टर के पास ले जाता, उसकी तबीयत बिगड़ गई और वहीं दम तोड़ दिया। यह दुखद घटना पश्चिमी सिंहभूम के मझगांव प्रखंड के चतरीसाई के बधुराम पिंगुवा की थी।
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