कुंभ में प्रथम शाही स्नान के लिए अखाड़ों का समय निर्धारित, भूलकर भी ना करें ये काम
प्रयागराज। प्रयागराज के कुंभ मेले में मकर संक्रांति पर होने वाले पहले शाही स्नान की तैयारियां पूरी हो चुकी है । अखाड़ों के संगम में स्नान का समय निर्धारित कर लिया गया है । इस दौरान आम श्रद्धालुओं के लिए निर्धारित संगम नोज क्षेत्र प्रतिबंधित रहेगा और अगर आप कुंभ मेला में स्नान करने के लिए गए हैं तो भूल कर कोई भी प्रतिबंधित कार्य ना करें। यानी जब शाही स्नान का जुलूस निकले तो उनके आगे स्नान करने न जाए और ना ही शाही स्नान के दौरान संगम में स्नान के लिए उतरे।
शाही स्नान का जुलूस रास्ते में कहीं भी नहीं रुकता है और अगर मार्ग में कोई व्यवधान आता है तो वह उसे वह अपने ही तरीके से निपटाते हैं। हालाकि शाही स्नान जुलूस दर्शन के लिये सड़क के दोनों ओर पर्याप्त व्यवस्था होती है। लेकिन इस दौरान केवल संन्यासियों, बैरागियों और उदासीन परंपरा के संत ही निर्धारित क्षेत्र में स्नान करेंगे। आम श्रद्धालुओं के लिए दूसरे घाटों पर स्नान की व्यवस्था रहेगी। महानिर्वाणी अखाड़ा सबसे पहले शाही स्नान करेगा और सबसे अंत में निर्मल अखाड़े का कारवां संगम पहुंचेगा। अखाड़ों के शिविरों से रथ, बग्घियों , घोड़ों पर छत्र- चंवर के साथ साधु-संतों का पहला शाही जुलूस सुबह 5:15 बजे निकलेगा। इस दौरान लगभग तीन किमी की दूरी तय कर संगम में शाही स्नान होगा।
शाही
स्नान
की
पूरी
रूपरेखा
शाही
स्नान
की
जानकरी
देते
हुये
अखिल
भारतीय
अखाड़ा
परिषद
के
अध्यक्ष
महंत
नरेंद्र
गिरि
ने
बताया
कि
शाही
स्नान
की
प्राचीन
परंपरा
इस
बार
भी
पूरे
वैभव
से
होगी
और
परंपरा
का
अक्षरश:
पालन
होगा।
देश-दुनिया
के
लिए
अखाड़ों
का
शाही
स्नान
भारतीय
संस्कृति
के
उदाहरण
के
तौर
पर
प्रस्तुत
होगा।
स्नान
का
जो
रूट
और
समय
निर्धारित
हुआ
है
उसी
समय
के
अनुसार
सभी
अखाड़ों
के
जूलूस
शाही
स्नान
की
परंपरा
का
निवर्हन
करेंगे।
1-
महानिर्वाणी
और
अटल
अखाड़ा
शाही
स्नान
करने
के
लिये
सबसे
पहले
महानिर्वाणी
और
अटल
अखाड़े
का
जुलूस
निकलेगा।
सुबह
5:15
बजे
शिविर
से
जुलूस
चलेगा
और
6:15
संगम
नोज
पहुंचेगा।
40
मिनट
स्नान
करने
के
बाद
6:55
बजे
यह
घाट
से
वापस
लौटेंगे
और
7:55
बजे
अपने
शिविरों
में
पहुंच
जाएंगे।
2-
निरंजनी
और
आनंद
अखाड़ा
निरंजनी
और
आनंद
अखाड़े
का
जुलूस
सुबह
6:05
बजे
शिविर
से
निकलेगा
।
7:05
बजे
संगम
नोज
पहुंचेंगे
।
40
मिनट
तक
स्नान
और
7:45
बजे
घाट
से
प्रस्थान
होगा।
8:45
बजे
यह
शिविर
पहुंच
जाएंगे।
3-
जूना,
अग्नि
और
आवाहन
अखाड़ा
जूना,
अग्नि
और
आवाहन
अखाडे
का
शाही
जुलूस
सुबह
7
बजे
निकलेगा।
8
बजे
संगम
नोज
पहुंचेंगे
।
40
मिनट
तक
स्नान
और
8:45
बजे
संगम
नोज
से
प्रस्थान
होगा।
9:45
बजे
यह
शिविर
पहुंच
जाएंगे।
4-
निर्मोही
अखाड़ा
बैरागी
परंपरा
वाले
निर्मोही
अखाड़े
का
जुलूस
सुबह
9:40
बजे
शाही
स्नान
के
लिये
निकलेगा।
10:40
बजे
यह
संगम
नोज
पहुंचेंगे।
30
मिनट
स्नान
कर
11:10
बजे
रवाना
होंगे
और
दोपहर
12
बजे
वापस
शिविर
पहुंचेंगे।
5-
दिगंबर
अनी
अखाड़ा
दिगंबर
अनी
अखाड़े
का
जुलूस
शाही
स्नान
के
लिए
10:20
बजे
निकलेगा।
11:20
बजे
संगम
नोज
पर
50
मिनट
स्नान
कर
12:10
पर
घाट
से
वापस
लौटेगा
और
1:10
बजे
वापस
शिविर
पहुंचेंगे।
6-
निर्वाणी
अखाड़ा
निर्वाणी
अखाड़े
के
साधु-संतों
का
जुलूस
11:20
बजे
चलेगा
और
12:20
बजे
संगम
नोज
पहुंचकर
30
मिनट
तक
स्नान
करेगा।
12:50
बजे
यह
वापस
चलेंगे
और
1:50
पर
शिविर
पहुंचेंगे।
7-
नया
पंचायती
अखाड़ा
उदासीन
परंपरा
के
संतों
का
नया
पंचायती
अखाड़े
का
जुलूस
दोपहर
12:15
बजे
चलेगा
और
1:15
बजे
संगम
नोज
पर
पहुंचकर
55
मिनट
स्नान
करेगा।
2:10
बजे
यह
वापस
लौटेंगे
और
3:10
पर
शिविर
में
पहुंचेंगे।
8-
बड़ा
पंचायती
अखाड़ा
बडा
पंचायती
अखाड़े
का
शाही
जुलूस
1:20
बजे
शिविर
से
चलेगा।
2:20
बजे
संगम
नोज
पहुंचेंगे।
1
घंटे
स्नान
कर
3:20
पर
वापसी
करेंगे
और
शाम
4:20
बजे
शिविर
पहुंचेंगे।
9-
निर्मल
अखाड़ा
सबसे
आखिरी
में
निर्मल
अखाड़े
का
जुलूस
निकलेगा।
2:40
पर
यह
संगम
नोज
के
लिये
रवाना
होंगे
और
3:40
पर
पहुंचेंगे।
40
मिनट
शाही
स्नान
के
बाद
4:20
बजे
संगम
नोज
से
शिविर
में
वापसी
लौटेंगे।
5:20
तक
यह
शिविर
पहुंच
जायेंगे।
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