पुलवामा में शहीद के नवजात बेटे की हालत नाजुक, पत्नी ने देश से की अपील
नई दिल्ली। बीते 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हुए 40 सीआरपीएफ जवानों में से एक रतन ठाकुर की पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया है। राजनंदनी देवी ने भागलपुर गांव के रतनपुर में 6 अप्रैल को बेटे को जन्म दिया। बच्चे के प्रीमेच्योर और अस्वस्थ होने के चलते भागलपुर के निजी अस्पताल में उसे रांची के रानी चिल्ड्रन हास्पिटल रेफर कर दिया।
जन्म के बाद नहीं रोया बच्चा
बच्चे को पैदा हुए तीन दिन बीत चुके हैं। रानी हास्पिटल के सीनियर पेडियाट्रिशियन डॉ राकेश कुमार ने बताया कि बच्चे के सिर के भीतर ब्लीडिंग की समस्या है। 8वे महीने में पैदा हो जाने के चलते उसकी हालत गंभीर बनी हुई है। उन्होंने बताया कि आम बच्चों की तरह बच्चा पैदा होने के बाद बिल्कुल नहीं रोया। ये चिंता का विषय हो गया था। अभी बच्चे का इलाज जारी है। उन्होंने कि बच्चे को बचा पाने की संभावना 50 प्रतिशत है।
शहीद के बेटे के लिए फीस में छूट दे सकता है अस्पताल
अस्पताल प्रशासन ने घोषणा की है कि शहीद के बेटे के इलाज के लिए हर तरह के चार्ज में 50 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। अस्पताल के एडमिनिस्ट्रेटर मुकुल घोष ने कहा कि- बोर्ड मीटिंग में तय होगा कि क्या बच्चे के इलाज के लिए सारी फीस माफ की जा सकती है? शहीद का परिवार किसी भी हाल में रतन ठाकुर के बेटे की जान बचाना चाहता है।
'शहीद के बेटे की जिंदगी के लिए दुआ मांगिए'
शहीद जवान रतन ठाकुर के पिता रामनिरंजन ठाकुर और रतन की पत्नी डॉक्टरों के किसी भी तरह बच्चे की जान बचाने को कह रहे हैं । रामनिरंदन ने कहा इसका जन्म अपने पिता की शहादत के बाद हुआ है, मैं चाहता हूं कि यह उसके नक्शेकदम पर चले। एक बेटे को खोने के बाद अपने इस पोते को खो देने का ख्याल बुरी तरह डरा देता है। वहीं राजनंदनी ने कहा कहा- मैंने उम्मीद नहीं छोड़ी है। मेरी पति के शहीद होने पर सारा देश मेरा साथ था। ऐसे में मैं लोगों से शहीद के बेटे की जिंदगी के लिए दुआ मांगने को कहूंगी।
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