गहलोत सरकार के मंत्री ने अस्पताल प्रशासन पर मढ़ा दोष, कहा- पड़े हैं 6 करोड़ से ज्यादा रुपये फिर भी हुई लापरवाही
कोटा। राजस्थान के कोटा में नवजात बच्चों की मौत के लिए जिला प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने अस्पताल को ही जिम्मेदार ठहराया है। अस्पताल दौरे पर गए प्रताप सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि बच्चों की मौत पर लगाम लगाने की जिम्मेदारी अस्पताल, डॉक्टर, नर्स और प्रशासन की है। प्रताप सिंह के मुताबिक जेके लोन अस्पताल के पास पैसों की कमी नहीं है, वर्तमान में 6 करोड़ रुपये उनके पास हैं।
प्रताप सिंह ने बच्चों की मौत पर दिया बड़ा बयान
कोटा के जेके लोन अस्पताल में पिछले महीने 100 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। इस बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है, सीएम अशोक गहलोत के बाद गुरुवार को राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने अस्पताल में बेड की कमी होने के पीछे पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। अब कोटा प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह ने बच्चों की मौत पर बड़ा बयान दिया है। शुक्रवार को उन्होंने कहा कि अस्पताल के पास पैसों की कमी नहीं है। बच्चों की जान बचाने की जिम्मेदारी डॉक्टर्स और स्टाफ की है।
#WATCH Pratap Singh, Dist Incharge Min, Kota: We believe that it's the responsibility of the hospital,doctors&nurses to control the deaths. If there was lack of equipment, then you should have bought it. You have around Rs. 6 cr with you. Itne equipment ki toh zarurat hi ni hai. pic.twitter.com/FfAc93saN4
— ANI (@ANI) January 3, 2020
हमने कायम की मिसाल
प्रताप सिंह ने कहा कि अस्पाताल के पास 6 करोड़ की धनराशी मौजूद है, अगर आपके पास उपकरण नहीं है तो लाते क्यों नहीं। डॉक्टर्स और वहां के स्टाफ को क्या दिक्कत है हमें बताए इतने उपकरणों की तो जरूरत भी नहीं है। प्रताप सिंह ने अपने बयान में जेके लोन अस्पताल पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाओं ने पूरी दुनिया में मिसाल कायम की है, कई देशों में इसके बारे में स्टडी किया जा रहा है। ऐसे में हमारी नीयत पर शक नहीं किया जा सकता। प्रताप सिंह ने बताया कि हमारी सरकार ने निरोगी राजस्थान का नारा दिया है और जल्द ही हम राइट टू हेल्थ का कानून लेकर आ रहे हैं।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री ने क्या कहा
गौरतलब है कि मेडिकल छात्रों को कोचिंग देने वाले शहर कोटा के ही एक अस्पताल में दिसंबर माह में 104 से अधिक बच्चों की मौत हो गई। स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज जो लोग सवाल उठा रहे हैं कि एक बिस्तर पर 2 बच्चे हैं, वे 5 साल से सत्ता में थे। उन्होंने आगे कहा कि जब वर्ष 2012 में हमारी सरकार थी तब हमने 60 बेड की मंजूरी दी थी, वह कहां चले गए? इसका जवाब कौन देगा? 2012 में जब कांग्रेस सत्ता में थी, अस्पताल के लिए 120 बेड स्वीकृत किए गए थे, जिनमें से 60 बाल रोग के लिए थे। लेकिन तब सरकार बदल गई और बीजेपी ने 5 करोड़ रुपये में से केवल 1.7 करोड़ रुपये जारी किए गए।
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