NDA में घर वापसी के 9 महीने बाद ही बीजेपी को झटका देने वाले थे नीतीश, लालू के पास भेजा था गुप्त संदेश
पटना। 2019 लोकसभा चुनाव में सीट बंटवारे को लेकर नीतीश कुमार और अमित शाह के बीच सहमति बनती दिख रही है। जेडीयू नेता सीट बंटवारे को लेकर जल्द ऐलान करने की बात कर रहे हैं। इस बीच एनडीए में दरार से जुड़ी खबर सामने आई है। द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए में घर वापसी करने वाले नीतीश कुमार बीजेपी को झटका देने की तैयारी में थे। अखबार का दावा है कि नीतीश कुमार के भरोसेमंद प्रशांत किशोर ने आधिकारिक तौर पर जेडीयू में शामिल होने से पहले तीन बार आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार के बीच सुलह कराने की कोशिश की थी।
एनडीए में वापसी के 9 महीने बाद ही नीतीश ने प्रशांत किशोर को लालू के पास भेजा
26 जुलाई 2017 को बिहार में बना कांग्रेस-आरजेडी-जेडीयू महागठबंधन टूट गया था। नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाकर लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधा था और एनडीए में घर वापसी कर ली थी। एनडीए में वापसी के बाद नीतीश कुमार ने बीजेपी के साथ मिलकर बिहार में सरकार बनाई। सूत्रों के मुताबिक, बिहार में जेडीयू-बीजेपी सरकार गठन के 9 महीने बाद ही नीतीश कुमार ने लालू यादव के पास प्रशंत किशोर को भेजा था।
AIIMS में लालू यादव से मिले थे प्रशांत किशोर
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने लालू यादव के साथ अप्रैल 2018 में पहली मुलाकात की थी, जो ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में हुई थी। उस वक्त् बिहार में सांप्रदायिक तनाव चरम पर था और बीजेपी के कई नेताओं पर अंगुलियां उठ रही थीं। आरजेडी के एक सूत्र ने बताया कि जहां तक उन्हें याद है, प्रशांत किशोर ने लालू यादव से अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मुलाकात की थी। उन्होंने नीतीश कुमार के साथ वापस गठबंधन की बात कही थी, लेकिन बात नहीं बन सकी थी।
जुलाई में तेजस्वी यादव से मिले थे प्रशांत किशोर
रिपोर्ट के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने जुलाई में तेजस्वी यादव के साथ पटना में मुलाकात की थी। दोनों नेताओं के बीच करीब एक घंटा बातचीत हुई थी। प्रशांत किशोर काफी समय से तेजस्वी के साथ मुलाकात करने का प्रयास कर रहे थे और आखिर में उन्हें 2 जुलाई का समय मिला। इसी दिन वह तेजस्वी यादव से उनके घर पर मिले थे। यहां गौर करने वाली बात यह है कि प्रशांत किशोर ने 2 जुलाई ने तेजस्वी से मीटिंग और अगले ही दिन यानी 3 जुलाई को लालू यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप ने कागज पर नो-एंट्री लिखकर नीतीश कुमार के नाम मीडिया में खुलेआम संदेश भेजा था।