NRC-NPR पारित होने पर PK ने नीतीश कुमार को कहा थैंक्स, दी अंतरात्मा के प्रति सचेत रहने की सलाह
पटना। राजनीतिक रणनीतिकार और जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने बिहार में एनआरसी और एनपीआर के लिए सदन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ट्वीट कर धन्यवाद दिया है और कहा है कि NPR-NRC पर अपनी बात पर बने रहने के लिए नीतीश जी धन्यवाद। इसके साथ ही प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा है कि लेकिन इसके अलावा बिहार के हित से जुड़े मुद्दे और सामाजिक सौहार्द जैसे जुड़े बड़े मुद्दे हैं। हम केवल यह आशा कर सकते हैं कि आप अपने अंतरात्मा के प्रति सचेत रहें और इन दोनों ही मामलों में भी खड़े रहें। बता दें, प्रशांत किशोर को हालही नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी जदयू से बाहर निकाल दिया था।
वहीं, मंगलवार को बिहार विधानसभा ने एनपीआर 2020 के प्रपत्र में ट्रांसजेंडर का समावेश किए जाने के साथ राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर 2010 में अंकित कॉलम के अनुसार ही एनपीआर कराए जाने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित कर दिया। राज्य में एनआरसी के विरोध में भी मंगलवार को सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित किया गया। बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सदन की प्रथम पाली में कार्यस्थगन प्रस्ताव (एनपीआर को लेकर) पर विमर्श के दौरान सभी सदस्यों की राय निकलकर आई कि एनपीआर और एनआरसी को लेकर एक सर्वसम्मत प्रस्ताव सदन द्वारा पारित किया जाए।
#NPR_NRC पर अपनी बात पर बने रहने के लिए @NitishKumar ज़ी धन्यवाद।
But beyond this there are larger issues concerning interest of Bihar and the social harmony around us. We can only hope that you would stay true to your inner conscious and stand up on both these counts as well.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) February 26, 2020
नीतीश को पीके ने कहा था पिछलग्गू
इससे पहले प्रशांत किशोर ने विकास के मुद्दे पर नीतीश कुमार की कड़ी आलोचना की थी। 18 फरवरी को पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार को पिछलग्गू कहा था। पीके ने कहा था कि नीतीश राज में खूब विकास हुआ है, लेकिन इस विकास की गति और आयाम नहीं रहे। प्रशांत किशोर ने तब कहा था कि 2005 में विकास के मानकों पर बिहार की जो स्थिति थी कमोबेश वही हालात आज भी बने हुए हैं। प्रशांत किशोर ने आरोप लगाया था कि नीतीश कुमार उनके साथ हैं, जो गोडसे की विचारधारा को मानते हैं। पीके ने कहा था कि गांधी और गोडसे एक साथ नहीं चल सकते हैं।
समुद्र किनारे दिखा बिना आंख का अजीब जीव, सिर डॉल्फिन जैसा और पूंछ मेंढक की तरह