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नागरिकता संशोधन कानून को लेकर नीतीश कुमार पर प्रशांत किशोर ने खड़ा किया बड़ा सवाल

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नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जनता दल युनाइटेड के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर लगातार मुखर हैं। दरअसल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नागरिकता संशोधन कानून का संसद में समर्थन किया था, लेकिन प्रशांत किशोर इस कानून के विरोध में हैं। ऐसे में जब उनसे पूछा गया कि आखिर नीतीश कुमार ने क्यों इस कानून का समर्थन किया तो उन्होंने कहा कि यह सिर्फ नीतीश कुमार ही बता सकते हैं कि किन परिस्थितियों में उन्होंने इस कानून का समर्थन लोकसभा और राज्यसभा में किया है।

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जदयू ने हर स्तर पर किया विरोध
एएनआई को दिए साक्षात्कार में प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन कानून को जदयू ने जिस तरह से अपना समर्थन दिया है उसपर उन्होंने दुख जाहिर किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसको लेकर दुख जाहिर करते हुए इस बाबत नीतीश कुमार से मुलाकात भी की। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पीके ने इस्तीफे की पेशकश भी की है। नागरिकता संशोधन कानून को भेदभावपूर्ण बताते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जदयू ने हर स्तर पर इस कानून का विरोध किया था। मैं यह साफ कर देना चाहता हूं कि जदयू नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के खिलाफ है। संसद की कमेटी में भी हमने इसका विरोध किया है। लेकिन किन परिस्थितियों में इस कानून का संसद में समर्थन किया गया इसका जवाब नीतीश जी ही दे सकते हैं।

गरीबों के लिए खतरनाक
पीके ने कहा कि हमारा मानना है कि सीएए भेदभावपूर्ण, अगर इसे एनआरसी से नही जोड़ा जाता है तो यह खतरनाक कानून है। लेकिन जब इसे एनआरसी से जोड़ा जाता है तो यह ना सिर्फ धर्म के आधार पर भेदभावपूर्ण है बल्कि यह वर्ग के आधार पर भी भेदभावपूर्ण है। उन्होंने कहा कि एनआरसी को किसी भी हाल में देश में नहीं होना चाहिए। जब एनआरसी देशभर में गरीब लोगों के बीच किया जाएगा तो यह ना सिर्फ दस्तावेजों की मांग करेगा बल्कि गरीबों को यह साबित करना मुश्किल साबित होगा कि उनके पूर्वज इस देश के नागरिक थे। उन्हें काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। यह गरीबों के लिए काफी बड़ी मुश्किल होगी। खुद नीतीश कुमार ने कहा था कि एनआरसी नहीं होगा।

कानून का विरोध होना चाहिए
प्रशांत किशोर ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून में आप धर्म के आधार पर नागरिकता दे रहे हैं, ऐसे में कुछ धर्म के लोगों को लग सकता है कि उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। यह अपने आप में एक बड़ा मसला है और इसका विरोध किया जाना चाहिए। लेकिन जब आप इसे एनआरसी से जोड़ देते हैं तो यह काफी खतरनाक बन जाता है।

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English summary
Prashant Kishor says under which circumstances JDU supported CAA only Nitish Kumar tell.
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