तीसरा-चौथा मोर्चा भाजपा को चुनौती नहीं दे सकता है, मैं ऐसे किसी मोर्चे का हिस्सा नहीं बनूंगा:प्रशांत किशोर
नई दिल्ली, 22 जून। एनसीपी मुखिया शरद पवार आज दिल्ली में तमाम विपक्षी नेताओं के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान वह मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने के लिए नेताओं के साथ चर्चा करेंगे। लेकिन शरद पवार की इस बैठक से पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस बैठक में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। दिल्ली में विपक्षी नेताओं की बैठक राष्ट्र मंच के बैनर तले होगी, जिसकी शुरुआत यशवंत सिन्हा ने की थी। यह बैठक शरद पवार के दिल्ली स्थित आवास 6 जनपथ में होगी। इस बैठक को लेकर प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं तीसरे मोर्चे के साथ नहीं जुडूंगा।
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तीसरा-चौथा
मोर्चा
भाजपा
को
नहीं
दे
सकता
चुनौती
प्रशांत
किशोर
ने
कहा
कि
मुझे
नहीं
लगता
है
कि
2024
के
चुनाव
में
कोई
तीसरा
या
चौथा
मोर्च
भारतीय
जनता
पार्टी
को
चुनौती
दे
सकता
है।
दिलचस्प
बात
यह
है
कि
प्रशांत
किशोर
ने
पिछले
10
दिनों
में
शरद
पवार
से
दो
बार
मुलाकात
की
है।
सोमवार
को
प्रशांत
किशोर
की
शरद
पवार
के
साथ
मुलाकात
तकरीबन
तीन
घंटे
तक
चली
थी।
इससे
पहले
प्रशांत
किशोर
ने
शरद
पवार
से
उनके
मुंबई
स्थित
आवास
पर
11
जून
को
मुलाकात
की
थी।
जब
प्रशांत
किशोर
से
इस
बाबत
पूछा
गया
तो
उन्होंने
कहा
था
कि
यह
महज
शिष्टाचार
की
मुलाकात
थी,
इस
दौरान
किसी
भी
राजनीतिक
रणनीति
पर
चर्चा
नहीं
की
गई।
कई
नेता
करेंगे
शिरकत
वहीं
महाराष्ट्र
में
एनसीपी
के
नेता
और
मंत्री
नवाब
मलिक
ने
सोमवार
को
कहा
था
कि
शरद
पवार
विपक्षी
दल
के
नेताओं
को
एकजुट
करने
के
लिए
काम
कर
रहे
हैं।
आज
दिल्ली
में
शरद
पवार
के
साथ
होने
वाली
बैठक
में
कई
नेता
हिस्सा
लेने
के
लिए
पहुंचेंगे।
जिसमे
टीएमसी
नेता
यशवंत
सिन्हा,
आम
आदमी
पार्टी
के
सांसद
संजय
सिंह,
जम्मू
कश्मीर
के
पूर्व
मुख्यमंत्री
फारुक
अब्दुल्ला,
जदयू
के
पूर्व
सांसद
पवन
वर्मा
समेत
कई
नेता
हिस्सा
लेंगे।
इस
बैठक
में
गीतकार
जावेद
अख्तर,
पत्रकार
करन
थापर
और
अर्थशास्त्री
अरुण
कुमार
भी
हिस्सा
ले
सकते
हैं।
तीसरे
मोर्चे
की
सुगबुगाहट
बता
दें
कि
कोरोना
महामारी
के
बीच
आज
पहली
बार
विपक्षी
दल
एक
जगह
इकट्ठा
होकर
बैठक
करेंगे।
इस
बैठक
में
15
दलों
के
नेता
हिस्सा
लेंगे।
अहम
बात
यह
है
कि
राष्ट्र
मंच
की
बैठक
में
पहली
बार
शरद
पवार
हिस्सा
लेंगे।
माना
जा
रहा
है
कि
आज
की
बैठक
में
2024
के
चुनाव
के
लिए
तीसरा
मोर्चा
बनाने
की
कवायद
शुरू
हो
सकती
है।
जिस
तरह
से
पश्चिम
बंगाल
में
ममता
बनर्जी
की
पार्टी
ने
जीत
दर्ज
की
जा
रही
है,
माना
जा
रहा
है
कि
तीसरे
मोर्चे
के
चेहरे
के
रूप
में
वह
सामने
आ
सकती
हैं।
ऐसे
में
तीसरे
मोर्चे
के
संयोजक
के
तौर
पर
शरद
पवार
अहम
भूमिका
निभा
सकते
हैं।