कोरोना केस के डबलिंग रेट में सुधार होने के दावे पर प्रशांत किशोर ने उठाया सवाल, कही ये बात
नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार के दावोंपर सवाल उठाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के देश में कोरोना केस की डबलिंग में सुधार के दावे पर भी किशोर ने संदेह जताया है। उन्होंने कहा है कि इसका पता तो टेस्ट होने से ही चलेगा, ये सुधार इसलिए भी हो सकती है क्योंकि हम टेस्ट ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे में इसमें बहुत खुश होने की जरूरत नहीं है।
प्रशांत किशोर ने किया ट्वीट
प्रशांत ने मंगलवार को किए अपने ट्वीट में कहा है, भारत का कोरोना पॉजिटिव मामलों के डबलिंग रेट में सुधार होने का दावा कुछ सवाल खड़े करता है। ये सीधे-सीधे कम टेस्ट करने का एक परिणाम भी हो सकता है। प्रशांत किशोर लगातार सरकार की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में तैयारी, देश में रैपिड टेस्टिंग किट्स जैसे कई मामलों पर बोल रहे हैं।
देश में घटा कोरोना का डबलिंग रेट
कोरोना वायरस के संक्रमण में बढ़ोत्तरी के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा है कि पिछले 7 दिनों के डेटा के अनुसार देश में कोरोना वायरस के मामलों की डबलिंग रेट (मरीजों की संख्या दोगुनी होने में लगने वाला समय) 3.4 से बढ़कर 7.5 हो गई है। पिछले हफ्ते तक कोरोना का डबलिंग रेट 6.2 दिन था, वह अब बढ़कर 7.5 दिन हो गया है।
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नीतीश कुमार भी निशाने पर
प्रशांत किशोर बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू के अपने पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार को भी लगातार निशाने पर ले रहे हैं। प्रशांत ने राजस्थान में बिहार के छात्रों के फंसे होने पर कहा, कोटा में फंसे बिहार के सैकड़ों बच्चों की मदद की अपील को नीतीश कुमार ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि ऐसा करना लॉकडाउन की मर्यादा के ख़िलाफ होगा, लेकिन उन्ही के सरकार के बीजेपी विधायक अपने बेटे को कोटा से लाने के लिए विशेष अनुमति के साथ गए और बेटे को लेकर आए। उन्होंने मुख्यमंत्री से सवाल किया कि नीतीश जी अब आपकी मर्यादा क्या कहती है?