'विपक्ष का नेतृत्व किसी का दैवीय अधिकार नहीं', ममता के बाद अब पीके ने राहुल गांधी पर साधा निशाना
नई दिल्ली, 2 दिसम्बर। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी के कांग्रेस के बिना विपक्षी एकजुटता की ओर इशारा करने के बाद अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने विपक्ष का नेतृत्व करने को लेकर बयान दिया है। प्रशांत किशोर ने कहा कि विपक्ष का नेतृत्व लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुना जाना चाहिए। बिना नाम लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस का नेतृत्व किसी व्यक्ति का कोई दैवीय अधिकार नहीं है।
प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा "एक मजबूत विपक्ष के लिए कांग्रेस जिस विचार और स्पेस का प्रतिनिधित्व करती है, वह महत्वपूर्ण है। लेकिन कांग्रेस का नेतृत्व किसी व्यक्ति का दैवीय अधिकार नहीं है। खासकर तब जब पार्टी पिछले 10 वर्षों में 90% से अधिक चुनाव हार गई हो, विपक्षी नेतृत्व को लोकतांत्रिक तरीके से तय करने दें।"
पीके
की
टिप्पणी
पर
कांग्रेस
का
पलटवार
प्रशांत
किशोर
की
टिप्पणी
पर
कांग्रेसी
नेताओं
ने
तीखी
प्रतिक्रिया
दी
है।
पार्टी
प्रवक्ता
पवन
खेड़ा
ने
ट्विटर
पर
कहा
"यहां
जिस
व्यक्ति
की
चर्चा
की
जा
रही
है
वह
संघर्ष
करने
और
भारतीय
लोकतंत्र
को
आरएसएस
से
बचाने
के
लिए
अपने
ईश्वरीय
कर्तव्य
का
पालन
कर
रहा
है।"
खेड़ा ने कहा, "वैचारिक प्रतिबद्धता के बिना एक पेशेवर, पार्टियों / व्यक्तियों को चुनाव लड़ने के बारे में सलाह देने के लिए स्वतंत्र है, लेकिन वह हमारी राजनीति का एजेंडा निर्धारित नहीं कर सकता है।"
ममता
बनर्जी
ने
भी
दिया
था
बयान
प्रशांत
किशोर
की
टिप्पणी
ऐसे
समय
में
आई
है
जब
एक
दिन
पहले
ही
टीएमसी
प्रमुख
ममता
बनर्जी
ने
मुंबई
में
एनसीपी
प्रमुख
शरद
पवार
से
मुलाकात
की
थी।
इस
दौरान
ममता
बनर्जी
ने
2024
के
आम
चुनावों
में
भाजपा
को
हराने
के
लिए
क्षेत्रीय
दलों
के
गठबंधन
बनाने
की
संभावना
का
संकेत
दिया
था।
हालांकि,
उन्होंने
कहा
कि
गठबंधन
कांग्रेस
के
नेतृत्व
वाले
संयुक्त
प्रगतिशील
गठबंधन
(यूपीए)
की
तर्ज
पर
नहीं
होगा।
'आप राजनीति में क्यों नहीं आतीं?', ममता बनर्जी के इस सवाल क्या बोलीं स्वरा भास्कर
बनर्जी ने मुंबई में कहा "यदि सभी क्षेत्रीय दल एक साथ हैं, तो भाजपा को हराना बहुत आसान है।" उन्होंने आगे कहा "आप ज्यादातर समय विदेश में नहीं रह सकते। राजनीति में निरंतर प्रयास जरूरी है।"
ममता बनर्जी का इशारा राहुल गांधी की ओर था जो बार-बार विदेशी यात्राओं के लिए विपक्ष के द्वारा निशाने पर रहे हैं।
दो महीने पहले प्रशांत किशोर की राहुल गांधी समेत कई कांग्रेस नेताओं के साथ बातचीत की खबरें सामने आई थी जिससे इस अफवाह ने जोर पकड़ा था कि किशोर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। हालांकि लखीमपुर खीरी कांड के बाद कांग्रेस नेताओं की सार्वजनिक आलोचना के बाद दोनों में दरार के संकेत नजर आने लगे थे।