प्रशांत किशोर ने अमित शाह को दी चुनौती, बोले- परवाह नहीं तो लागू करिए CAA-NRC की क्रोनोलॉजी
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नई दिल्ली। जदयू उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का लगातार विरोध करते रहे हैं। बुधवार को भी उन्होंने इस मुद्दे पर गृहमंत्री अमित शाह पर निशाना साधा। प्रशांत किशोर ने कहा कि अगर वे एक्ट के खिलाफ हो रहे विरोध की परवाह नहीं करते हैं, तो आप क्यों नहीं आगे बढ़ते हैं और सीएए-एनआरसी को लागू करते हैं। प्रशांत किशोर नागरिकता संशोधन कानून के मुद्दे पर अपनी पार्टी के फैसले पर भी सवाल उठा चुके हैं।
प्रशांत किशोर ने शाह को दी चुनौती
प्रशांत किशोर ने अमित शाह के उस बयान को लेकर उनपर निशाना साधा जिसमें गृहमंत्री ने कहा था कि वे विरोध की परवाह नहीं करते हैं, सरकार नागरिकता संशोधन कानून पर पीछे नहीं हटेगी। प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया, 'नागरिकों की असहमति को खारिज करना किसी भी सरकार की ताकत का संकेत नहीं हो सकता है। अगर आप सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं, तो आप इस कानून पर आगे क्यों नहीं बढ़ते हैं। आप सीएए और एनआरसी को उसी क्रोनोलॉजी में लागू करने का प्रयास करें, जो आपने देश के लिए इतना बड़ा ऐलान किया है।'
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सरकार CAA पर पीछे नहीं हटेगी- अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली को संबोधित किया था। अमित शाह ने सीएए के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शन को लेकर विपक्ष पर हमला बोला था। शाह ने कहा था, 'सीएए के खिलाफ विपक्ष भ्रम फैला रहा है और देश को तोड़ने का काम किया जा रहा है।' अमित शाह ने कहा था कि लखनऊ की भूमि से डंके की चोट पर कहने आया हूं कि जिसे विरोध करना हो करे, सीएए वापस नहीं होगा।
मैं सार्वजनिक चर्चा के लिए तैयार- शाह
अमित शाह ने विपक्ष पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि जब कश्मीर से लाखों कश्मीरी पंडितों को भगा दिया गया था, तो इनका मानवाधिकार कहां गया था। उन्होंने कहा कि जिसको विरोध करना है कर ले, लेकिन CAA वापस नहीं होगा। अमित शाह ने विपक्ष के बयानों पर कहा, 'राहुल गांधी, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, मायावती... मैं सार्वजनिक चर्चा के लिए तैयार हूं। अल्पसंख्यक छोड़ दीजिए, किसी की भी नागरिकता चली जाएगी, यह बता दीजिए। देश में कांग्रेस, सपा, बसपा और तृणमूल धरना और दंगे करवा रहे हैं। सीएए में किसी की नागरिकता छीनने का नहीं बल्कि नागरिकता देने का प्रावधान है।'