जेडीयू ने प्रशांत किशोर और पवन वर्मा को निकाला, पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते कार्रवाई
नई
दिल्ली।
पिछले
कई
दिनों
से
बगावती
तेवर
अख्तियार
किए
हुए
जदयू
के
उपाध्यक्ष
प्रशांत
किशोर
और
राष्ट्रीय
महासचिव
पवन
वर्मा
को
पार्टी
प्रमुख
नीतीश
कुमार
ने
बाहर
का
रास्ता
दिखा
दिया
है।
ये
दोनों
ही
नेता
पिछले
कुछ
समय
से
नागरिकता
संशोधन
कानून
और
एनआरसी
के
मुद्दे
पर
जदयू
प्रमुख
नीतीश
कुमार
के
खिलाफ
मोर्चा
खोले
हुए
थे।
प्रशांत
किशोर
लगातार
ट्वीट
के
जरिए
उनपर
निशाना
साधते
रहे
थे,
जबकि
पवन
वर्मा
ने
नीतीश
कुमार
को
चिट्ठी
भी
लिखी
थी।
जदयू ने दोनों नेताओं को किया बाहर
नागरिकता संशोधन कानून का जब से जदयू ने समर्थन किया था, उसके बाद से ही प्रशांत किशोर और पवन वर्मा इसकी खिलाफत रहे थे। पवन वर्मा ने पिछले दिनों भी चिट्ठी लिखी थी, जिसपर नीतीश कुमार ने नाराजगी जाहिर की थी। उन्होंने कहा था कि किसी को कोई दिक्कत है तो पार्टी की बैठक में उनको अपनी बात रखनी चाहिए। वहीं, दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू की तरफ से जारी हुई स्टार प्रचारकों की सूची में प्रशांत किशोर और पवन वर्मा का नाम नहीं था।
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नीतीश ने साधा था प्रशांत किशोर पर निशाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रशांत किशोर पर बरसे थे। उन्होंने प्रशांत किशोर द्वारा किए गए ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया दिए बिना कहा था कि जो मुझे पत्र लिखता है मैं उसे जवाब देता हूं, जिसे ट्वीट करना है वो ट्वीट करता रहे। उन्होंने कहा था कि ट्विटर से राजनीति नहीं चलती है। उन्होंने कहा कि अगर पार्टी में रहना है तो पार्टी लाइन में चलना पड़ेगा। नीतिश कुमार ने कहा कि हमने प्रशांत किशोर को अमित शाह के कहने पर पार्टी में लिया था। उन्होंने कहा कि जेडीयू में जो जब तक रहना चाहे रह सकता, है, जिसे जाना है वो चला जाए।
प्रशांत किशोर ने किया था पलटवार
वहीं, नीतीश कुमार के बयान पर पलटवार करते हुए प्रशांत किशोर ने ट्वीट में लिखा, 'मेरे जेडीयू जॉइन करने के बारे में झूठ बोलकर आप और कितना गिरेंगे।' उन्होंने आगे लिखा, 'मुझे अपने जैसा दिखाने का आपने बहुत खराब प्रयास किया और अगर आप सच कह रहे हैं तो अब कौन विश्वास करेगा कि आप अमित शाह की बात ना मानने का भी साहस कर सकते हैं।