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प्रणब मुखर्जी के निधन पर चीनी विदेश मंत्रालय ने जताया शोक, कहा- भारत के लिए भारी नुकसान

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नई दिल्ली। देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के निधन पर चीन के विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को शोक जताया है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा है, 'प्रणब मुखर्जी भारत के एक अनुभवी राजनेता थे। अपनी 50 साल की राजनीति में उन्होंने भारत-चीन के संबंधों में सकारात्मक योगदान दिया है। प्रणब मुखर्जी का निधन चीन-भारत मित्रता और भारत के लिए एक भारी नुकसान है। हम उनके निधन पर संवेदना व्यक्त करते हैं।'

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प्रणब मुखर्जी का सोमवार को निधन हो गया है। वह बीते करीब 20 दिनों से दिल्ली कैंट के आर्मी अस्पताल (R&R) में भर्ती थे। कुछ दिनों पहले 84 वर्षीय प्रणब मुखर्जी की ब्रेन सर्जरी की गई थी, जिसके बाद से उनकी हालत बिगड़ती जा रही थी। प्रणब मुखर्जी बीते 10 अगस्त से अस्पताल में भर्ती थे। इसके साथ ही उनका कोरोना वायरस (कोविड-19) का टेस्ट भी पॉजिटिव आया था। वह गहरे कोमा में थे और कई दिनों से वेंटिलेटर सपोर्ट पर थे। उन्हें फेंफड़ों का सक्रमण भी हो गया था, जिसके बाद सोमवार सुबह सेप्टिक शॉक की स्थिति पैदा हो गई थी।

आपको बता दें प्रणब मुखर्जी वर्ष 2012 से 2017 के बीच भारत के राष्ट्रपति रहे हैं। उनके निधन के बाद केंद्र सरकार ने सात दिन के राजयकीय शोक का ऐलान किया है। गृह मंत्रालाय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 31 अगस्त से लेकर 6 सितंबर तक राजकीय शोक के दौरान देशभर में सरकारी भवनों पर तिरंगा आधा झुका हुआ रहेगा और कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं होगा।

देश के 13वें राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी का जन्म 11 दिसंबर 1935 को पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुआ था। लंबे वक्त तक कांग्रेस से जुड़े रहे प्रणब दा वित्त मंत्री, विदेश मंत्री और राष्ट्रपति पद पर काबिज रह चुके हैं। प्रणब मुखर्जी के पिता किंकर मुखर्जी भी देश के स्वतंत्रता सेनानियों में शामिल रहे। उनका संसदीय कैरियर करीब पांच दशक पुराना है, जो 1969 में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सदस्य के रूप में (उच्च सदन) से शुरू हुआ था। वे 1975, 1981, 1993 और 1999 में फिर से चुने गए थे।

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English summary
Pranab Mukherjee was a veteran statesman of India said chinese foreign ministry
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