पिता प्रमोद महाजन की बरसी पर सांसद पूनम ने शेयर की भावुक पोस्ट-कहा पापा बहुत याद आते हैं...
मुंबई। आज बीजेपी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के बेहद अजीज माने जाने वाले नेता प्रमोद महाजन की बरसी है। अपने पिता की बरसी पर उनकी बेटी पूनम ने एक भावुक पोस्ट लिखी है, जिसमें उन्होंने अपनी और अपने पिता की एक फोटो शेयर की है, इस फोटो के नीचे उन्होंने मशहूर अमेरिकन लेखक सूस का कथन इस्तेमाल किया है।
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बेटी पूनम ने लिखी पापा के लिए इमोशनल पोस्ट
पूनम ने लिखा है कि कई बार आप एक खास पल की कीमत नहीं समझते हैं और वो पल एक याद बन जाते है। हमें आपकी बहुत याद आती है पापा, हम आपको हर रोज मिस करते हैं।
22 अप्रैल 2006 को भाई ने मारी थी प्रमोद महाजन को गोली
आपको बता दें कि 22 अप्रैल 2006 की सुबह प्रमोद महाजन अपने आवास पर ही आराम कर रहे थे। तभी वहां उनके सगे भाई प्रवीण महाजन काफी गुस्से में पहुंचे और प्रमोद महाजन पर अनदेखी का आरोप लगाया, थोड़ी ही देर में दोनों भाईयों में पारिवारिक मुद्दों के लेकर बहस शुरू हो गई, ये झगड़ा चल ही रहा था कि प्रवीण महाजन ने अपनी 0.32 ब्राउनिंग पिस्टल निकाली और प्रमोद महाजन पर ताबड़तोड़ 4 गोलियां चला दी।
13 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझते रहे थे प्रमोद महाजन
पहली गोली का निशाना चूक गया लेकिन बाकी की तीन गोलियां प्रमोद महाजन के शरीर को छलनी कर गई। आनन-फानन में प्रमोद को हिंदुजा अस्पताल में भर्ती कराया गया। 13 दिनों तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद 3 मई 2006 को उनकी मौत हो गई। बीजेपी के 'चाणक्य' कहे जाने वाले प्रमोद महाजन इस तरह से दुनिया को छोड़कर चले जाएंगे, ये किसी ने नहीं सोचा था।
'पेप्सी और प्रमोद महाजन कभी अपना फॉर्मूला नहीं बताते'
प्रमोद महाजन हर रणनीति में माहिर थे और इसी कारण उनके बारे में एक जुमला फेमस था कि 'पेप्सी और प्रमोद महाजन कभी अपना फॉर्मूला नहीं बताते' हैं। बेहद ही हंसमुख और जिंदादिल प्रमोद महाजन 1997 में अटल बिहारी वाजपेयी की 13 दिनों की सरकार में रक्षामंत्री रहे थे। उसके बाद वो 1998 में प्रधानमंत्री के सलाहकार रहे। उसके बाद उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री भी बना दिया गया।
प्रवीण महाजन को हुई थी उम्रकैद
कहते हैं कि प्रवीण महाजन की मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी, उन्हें बाद में अपनी करनी पर पछतावा भी हुआ। उन्होंने भाई को गोली मारने के बाद सरेंडर कर दिया था। 18 दिसंबर 2007 को हत्या के जुर्म में प्रवीण को उम्रकैद की सजा सुनाई गई। जेल में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ। उन्हें इलाज के लिए पैरोल पर रिहा किया गया। प्रवीण की 3 मार्च 2010 को अस्पताल में मौत हो गई थी।