आठवीं कक्षा तक हिंदी भाषा अनिवार्य होने की खबर, प्रकाश जावड़ेकर ने किया खंडन
नई दिल्ली। के. कस्तूरीरंगन की अगुवाई वाली नौ सदस्यीय समिती द्वारा मानव संसाधन मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट की सिफारिशों में देशभर में कक्षा 8 तक के लिए हिंदी विषय को अनिवार्य बनाने की बात है। तीन भाषाई फॉर्मूला, पूरे देश में विज्ञान और गणित का एक समान सिलेबस, जनजातीय समूहों के लिए अलग देवनागरी उपभाषा और हुनर आधारित शिक्षा जैसी चीजें भी इसकी सिफारिश में हैं।
दरअसल इस समिति ने अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले 31 दिसंबर 2018 को मानव संसाधन विकास मंत्रालय को ये रिपोर्ट सौपीं थी। ऐसे में मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि समिति के सदस्यों ने मुझसे मिलने का समय मांगा था। ये रिपोर्ट संसद सत्र का बाद मुझे मिलेगी। खबरों की माने तो इस पॉलिसी को सार्वजनिक कर सरकार इसपर सुझाव मांग सकती है।
हालांकि प्रकाश जावड़ेकर ने 8वीं कक्षा तक हिंदी को अनिवार्य किए जाने की खबर का सीधे तौर पर खंडन किया है। उन्होंने साफ किया कि कमेटी ने किसी भाषा का अनिवार्य करने की मांग की ही नहीं है। खबर है कि सामाजिक विज्ञान को छोड़कर सभी बोर्ड में विज्ञान और गणित का सिलेबस समान होगा। चाहे ये विषय किसी भी भाषा में क्यों न पढ़ाए जाएं। इसके अलावा बताया जा रहा है कि पांचवीं क्लास तक भोजपूरी, अवधि और मैथली भाषाओं को सिलेबस में रखने को कहा गया है।
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