NPR के लिए नहीं दिखाना होगा कोई प्रूफ, NRC से संबंध नहीं: प्रकाश जावड़ेकर
नई दिल्ली। केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक में मंगलवार को कई अहम फैसले लिए गए। सरकार ने जहां नैशनल पॉप्युलेशन रजिस्टर (एनपीआर) को मंजूरी दी वहीं जनगणना के लिए 8,754.23 करोड़ के खर्च को मंजूर किया है। बैठक के बाद प्रेस कॉन्फेंस को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने यह भी साफ किया कि एनपीआर के लिए नागरिक एप के जरिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और इसके लिए किसी भी तरह का प्रूफ या दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं है।
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केंद्रीय मंत्री ने बताया की अगले साल 1 अप्रैल से जनगणना शुरू हो जाएगी और सितंबर तक इसे संपन्न कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जनगणना का डाटा इकट्ठा करने के लिए इस बार नई तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। बता दें कि भारत की आजादी के बाद से अब तक 7 बार जनगणना की जा चुकी है, अब आठवीं बार 2020 में होगी। जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने भारत की जनगणना 2021 के लिए 8,754.23 करोड़ रुपये के खर्च को मंजूरी दी है। राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के अपडेशन के लिए 3,941.35 करोड़ रुपये को मंजूरी दी गई है।
NRC
का
NPR
से
कोई
संबंध
नहीं
विपक्ष
के
राष्ट्रीय
जनसंख्या
रजिस्टर
और
नैशनल
पॉप्युलेशन
रजिस्टर
के
एक
ही
होने
के
दावे
पर
केंद्रीय
मंत्री
प्रकाश
जावड़ेकर
ने
कहा
कि
यह
पूरी
तरह
झूठ
और
अफवाह
है।
हमने
कभी
नहीं
कहा
कि
राष्ट्रीय
जनसंख्या
रजिस्टर
का
इस्तेमाल
एनआरसी
(राष्ट्रीय
नागरिक
रजिस्टर)
के
रूप
में
किया
जाएगा।
मैं
इसे
पूरी
तरह
नकारता
हूं।
दोनों
ही
योजनाएं
अलग
हैं
और
इनका
आपस
में
कोई
संबंध
नहीं
है।
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