कांग्रेस स्वीकार नहीं कर पा रही कि वो सत्ता में नहीं है, यही उसका सबसे बड़ा दुःख है: प्रकाश जावड़ेकर
नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी का सबसे बड़ा दुःख यह है कि वह इस तथ्य को स्वीकार नहीं कर पा रही है कि वह अब सत्ता में नहीं है। उन्होंने ये बात उस सवाल के जवाब में कही, जिसमें उनसे पूछा गया था कि कांग्रेस का आरोप है कि नरेंद्र मोदी सरकार मजदूरों की मदद के लिए सही कदम नहीं उठा रही है। केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आज तक के ई-एजेंडा सेशन में ये बात कही।
उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से देश की आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। इसमें सुधार लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का ऐलान किया था। दो महीने से सारे प्रवासी श्रमिकों को 10 किलो गेहूं या चावल और साथ में 1 किलो दाल मुफ्त मिल रही है। वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना के तहत सबको लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि जो राहुल गांधी गरीबों के लिए मांग कर रहे हैं सरकार ने उससे ज्यादा ही दिया है।
जावड़ेकर से जब पूछा गया कि प्रवासी श्रमिकों का मुद्दा इस समय देश में चर्चा में है। लाखों श्रमिक अपने गृह राज्यों की ओर पैदल ही लौट रहे हैं जिनकी मार्मिक तस्वीरें लगातार सामने आ रही हैं, ऐसा क्यों हो रहा है? इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, 'केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को 11 हजार करोड़ रुपये दिए हैं। हमने रुपये देते हुए कहा था कि आपके यहां जो भी मजदूर हैं, उन्हें रोकिए, उन्हें शेल्टर दीजिए, उनको खाना तीन बार दीजिए, उनकी सबकुछ व्यवस्था कीजिए, इसके लिए उन्हें पैसे दिए हैं। लेकिन अगर वहां कहीं नहीं हो रहा तो एक मुद्दा है।'
केंद्रीय मंत्री से पूछा गया कि क्यों ऐसा हुआ है कि महाराष्ट्र के ही आंकड़े सबसे ज्यादा हैं। तो इसपर उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में मुंबई में कुछ पॉकेट्स हैं, पुणे और नवी मुंबई में पॉकेट्स हैं, जहां ये बड़ा संक्रमण हो गया है। इसमें सबसे अच्छा पिछले दिनों में ये हुआ है कि यहां कंटेनमेंट जोन करने से कोई बाहर जाएगा नहीं, कोई बाहर से आएगा नहीं। इससे बहुत मात्रा में रोका गया है। जो सारे घरों में जाकर टेस्ट हो रहे हैं, उससे संक्रमितों की संख्या का पता चलता है। लेकिन बहुत गंभीर और मरने वालों की तादात में एक निश्चित रूप से ठहराव सा है और ज्यादा तेजी से नहीं बढ़ रहा है। तो मुझे लगता है कि ये भी का काबू में आ जाएगा।'
लॉकडाउन 4 को लेकर उन्होंने कहा, 'मुझे भी ये विश्वास है कि 17 तारीख के बाद एक तो राज्यों पर निर्भर होता है, क्योंकि केंद्र सरकार दिशा-निर्दश जारी करती है, लेकिन आगे राज्य करता है। तो सभी जगह सभी आर्थिक गतिविधियां चलें। अभी जो होगा वो सोशल डिस्टैंसिंग के साथ दुकानें भी शुरू होंगी। हालांकि जहां ज्यादा संक्रमण और कंटेनमेंट जोन हैं, तो वहां जरा स्थिति अलग रहेगी लेकिन बाकी ग्रीन जोन में सारी गतिविधि शुरू होंगी। कई जगह ऑरेंज जोन में भी लगभग सभी गतिविधि शुरू होंगी। रेड जोन में भी गतिविधि शुरू होंगी लेकिन थोड़े से बंधनों के साथ।'
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'अब हमें कोविड-19 के साथ जीने की आदत डालनी चाहिए। हमें इसलिए हाथ लगातार धोते रहना, स्वच्छता का पालन करना, मास्क लगाना और उसके साथ-साथ बाहर जाते वक्त लोगों से दो गज की दूरी बनाकर ही सारे व्यवहार करना जरूरी है।' आत्मनिर्भरता अभियान के लिए प्रधानमंत्री के आर्थिक पैकेज के ऐलान पर उन्होंने कहा, 'गांधी जी के मंत्र को अमल में लाने के लिए मेक इन इंडिया उसका ही एक रूप है लेकिन दुनिया से कटना नहीं है।'
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