एक्स्ट्रा पैसे देने के बाद भी प्लेन में सांसद प्रज्ञा ठाकुर को नहीं मिली पंसद की सीट, स्पाइसजेट ने दी सफाई
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के स्पाइसजेट के क्रू पर खराब व्यवहार के आरोप लगाने के अगले दिन निजी एयरलाइन कंपनी स्पाइसजेट ने लिखित बयान जारी किया है। स्पाइसजेट ने कहा है कि सांसद प्रज्ञा ठाकुर को दिल्ली-भोपाल उड़ान के चालक दल के सदस्यों ने गैर-आपात पंक्ति की सीट की ओर जाने को कहा क्योंकि वह व्हीलचेयर पर थीं, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया, जिससे उड़ान में देरी हुई।
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स्पाइसजेट ने कहा कि 'सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने 21 दिसंबर को स्पाइसजेट की उड़ान एसजी 2498 (दिल्ली-भोपाल) से सफर किया। उन्होंने सीट 1(ए) की प्री-बुकिंग की थी और अपनी व्हीलचेयर से एयरपोर्ट आई थीं। दिल्ली-भोपाल उड़ान बॉम्बार्डियर Q400 विमान (78 सीटर) के जरिए संचालित की जाती है। आगे स्पाइसजेट ने बताया कि इस विमान में, पहली पंक्ति आपातकालीन पंक्ति सीट है और व्हीलचेयर वाले यात्रियों को आवंटित नहीं की जाती है। क्योंकि सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपनी व्हीलचेयर के साथ आई थीं और एयरलाइन के माध्यम से बुकिंग नहीं की थी।
वहीं कर्मचारियों को इस तथ्य के बारे में पता नहीं था कि वह व्हीलचेयर यात्री हैं। क्रू ने सांसद प्रज्ञा को सुरक्षा कारणों से 2 ए/बी (गैर आपातकालीन पंक्ति) में सीट बदलने के लिए अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। ड्यूटी मैनेजर और अन्य स्टाफ ने भी उनसे दूसरी सीट पर जाने का अनुरोध किया। उन्होंने सुरक्षा निर्देश दस्तावेज के लिए कहा, जिसमें निकास द्वार नीति का उल्लेख किया गया है और स्पष्टता प्रदान करने के लिए उन्हें निर्देशिका दिखाई गई। वहीं उड़ान में देरी हो रही थी और प्लेन में सवार अन्य यात्री बेचैन हो रहे थे।
हमारे क्रू ने सांसद प्रज्ञा से सीट बदलने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया. इसके बाद अन्य यात्रियों ने भी एयरलाइन कर्मचारियों से सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर को उतारने का अनुरोध किया। आखिर में, प्रज्ञा ठाकुर ने अपनी सीट 1 (ए) से बदलकर 2 (बी) की, तब जाकर फ्लाइट रवाना हो गई। असुविधा के लिए हमें खेद है। हालांकि, स्पाइस जेट में हमारे यात्रियों की सुरक्षा सर्वोपरि है।
प्रज्ञा ठाकुर का ये था कहना
'मैं स्पाइसजेट फ्लाइट से यात्रा कर रही थी। मुझे स्पाइनल कॉर्ड में दिक्कत थी और मुझे 1A सीट दी गई थी, जिसमें मुझे पैर रखने की जगह मिल रही थी। मैंने उस सीट के लिए एक्स्ट्रा पैसे भी दिए थे बुकिंग के वक्त. मुझे वहां तक व्हीलचेयर में लाया गया था। एयरहोस्टेस ने मुझे कहा कि मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती। दो और लोगों ने मुझे कहा कि ये इमरजेंसी सीट है। लेकिन वहां कहीं पर भी ये नहीं लिखा था कि वो इमरजेंसी सीट है।
मैंने उनसे कहा कि अगर ये नियम है तो मुझे रूल बुक दी जाए। उन्होंने मुझे रूल बुक नहीं दी। कुछ यात्री आए और पूछने लगे कि उड़ान भरने में देरी क्यों हो रही है? लोगों को लगा कि मैं अपना VIP स्टेटस दिखा रही हूं, लेकिन मैं तो एक आम नागरिक की तरह यात्रा कर रही थी। मेरी पीठ में दर्द था। खैर, बाद में मैंने भोपाल एयरपोर्ट डायरेक्टर को इस मामले की शिकायत की। मेरी मांग है कि सीट के मुद्दे की जांच हो और जो भी जिम्मेदार निकले उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो।'