नाथूराम गोडसे को देशभक्त कहने वाली प्रज्ञा का विवादों से हैं पुराना नाता, जानें इनके पूर्व के विवादित बयान
बेंगलुरु। भोपाल से भाजपा की सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में विवादित बयान दिया। प्रज्ञा ठाकुर ने लोकसभा में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देश भक्त बताया। उनके इस बयान का कांग्रेस समेत अन्य विरोधी पार्टियां भाजपा के खिलाफ लामबंद हो गई हैं।
हालांकि, लोकसभा अध्यक्ष ने प्रज्ञा के बयान को सदन के रिकॉर्ड से हटाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन विपक्ष बीजेपी से सांसद पर कार्रवाई करने की मांग कर रहा है। इस बयान पर विवाद के बाद प्रज्ञा ठाकुर को रक्षा मंत्रालय की समिति से हटा दिया गया है। हालांकि इस बयान के लिए प्रज्ञा ने लोकसभा में माफी भी मांग ली हैं। लेकिन यह पहला मौका नहीं है जब प्रज्ञा के विवादित बयान ने भाजपा के लिए मुसीबत खड़ी करी हैं। इससे पहले भी वह कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहीं। जानिए उनके पूर्व में दिए गए विवादित बयान....
"नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे"
प्रज्ञा सिंह ठाकुर अपने कई विवादित बयान को लेकर पहले भी घिर चुकी हैं। इतना ही नहीं गोडसे पर यह बयान प्रज्ञा ठाकुर ने पहली बार नहीं दिया हैं। इससे पहले भी लोकसभा चुनाव से पहले प्रज्ञा ठाकुर ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को 'देशभक्त' करार देकर भूचाल ला दिया था। फिल्म अभिनेता और तमिलनाडु की राजनीति में सक्रिय कमल हासन के गोडसे को लेकर आए बयान पर प्रतिक्रया मांगी गई तो उन्होंने कहा था,"नाथूराम गोडसे देशभक्त थे, हैं और रहेंगे। आतंकवादी कहने वाले लोग स्वयं के गिरेबान में झांककर देखें, अब की चुनाव में ऐसे लोगों को जवाब दे दिया जाएगा।"
दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताया था
साध्वी ने लोकसभा चुनाव के दौरान भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को आतंकवादी बताया था। उन्होंने सिहोर में चुनाव प्रचार कार्यालय का उद्घाटन करते हुए यह बयान दिया था। प्रज्ञा ठाकुर ने दिग्विजय सिंह पर हमला करते हुए कहा था ''राज्य में 16 साल पहले उमा दीदी ने हराया था और वह 16 साल मुंह नहीं उठा पाया, और राजनीति कर लेता इसकी कोशिश नहीं कर पाया। अब फिर से सिर उठा है तो दूसरी संन्यासी सामने आ गई है जो उसके कर्मो का प्रत्यक्ष प्रमाण है।'' उन्न्होंने आगे कहा, "एक बार फिर ऐसे आतंकी का समापन करने के लिए संन्यासी को खड़ा होना पड़ा है।"
"हम नाली और शौचालय साफ करवाने के लिए सांसद नहीं बने"
भोपाल में सांसद चुने जाने के बाद सिरोह में प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि 'हम नाली साफ करवाने के लिए सांसद नहीं बने हैं। हम आपका शौचालय साफ करने के लिए बिल्कुल नहीं बनाए गए हैं। हम जिस काम के लिए बनाए गए हैं, वो काम हम इमानदारी से कर रहे हैं। प्रज्ञा ठाकुर ने यह बयान तब दिया जब प्रधानमंत्री मोदी स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने का अभियान छेड़ा था। प्रज्ञा के इस बयान पर पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उन्हें दिल्ली बुलाकर हिदायत भी दी थी।
अयोध्या विवादित ढांचे को गिराए जाने को गर्व का विषय बताया था
लोकसभा चुनाव के दौरान प्रज्ञा ठाकुर ने एक और विवादित बयान दिया था। उन्होंने बयान दिया था कि मैंने पहले भी कहा है कि मैं अयोध्या गई थी और विवादित ढांचे पर चढ़कर उसे तोड़ा। इस पर मुझे गर्व है। ईश्वर ने मुझे अवसर और शक्ति दी थी, इसलिए मैंने यह काम किया। मैंने देश का कलंक मिटाया था। मैं आगे भी अयोध्या जाऊंगी और वहां राम मंदिर निर्माण में मदद करूंगी। कोई भी हमें ऐसा करने से नहीं रोक सकता है। राम ही राष्ट्र हैं और राष्ट्र ही राम है। उन्होंने विवादित स्थान पर भव्य राम मंदिर बनने की बात कही थी। निर्वाचन अयोग ने इस बयान को स्वत: संज्ञान लेते हुए ऐसा विवादित बयान देने पर साध्वी प्रज्ञा को आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस भेजा था।
हेमंत करकरे की शहादत के समय दिया ये विवादित बयान
भोपाल लोकसभा सीट से चुनाव के समय साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने 26/11 के मुंबई हमले में शहीद हुए हेमंत करकरे के ख़िलाफ़ विवादित बयान देकर भाजपा की मुश्किल बढ़ा दी थी। उन्होंने मालेगांव बम धमाके के मामले में हुई गिरफ्तारी के दौरान हेमंत करकरे को दिए गए श्राप का जिक्र करते हुए कहा था, "उस समय मैंने करकरे से कहा था कि तेरा सर्वनाश होगा, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था और सवा माह के भीतर ही आतंकवादियों ने उसे मार दिया था। हिदू मान्यता है कि परिवार में किसी का जन्म या मृत्यु होने पर सवा माह का सूतक लगता है। जिस दिन करकरे ने सवाल किए, उसी दिन से उस पर सूतक लग गया था, जिसका अंत आतंकवादियों द्वारा मारे जाने से हुआ।
गलत तरीके से केस में फंसाने का भी लगाया था आरोप
"प्रज्ञा ठाकुर ने कहा था कि हेमंत करकरे ने उन्हें ग़लत तरीक़े से फंसाया है। एक अधिकारी ने हेमंत करकरे से उन्हें छोड़ने का कहा था लेकिन करकरे ने कहा था कि वो कुछ भी करेंगे, सबूत लाएंगे लेकिन साध्वी को नहीं छोड़ेंगे। साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे का ये क़दम देशद्रोह था, धर्मविरुद्ध था। साध्वी बोलीं, ''ये उसकी कुटिलता थी ये देशद्रोह था धर्मविरुद्ध था, वो मुझसे पूछता था कि क्या मुझे सच के लिए भगवान के पास जाना होगा, तो मैंने कहा था कि आपको जरूरत है तो जाइए''। सभा में साध्वी ने कहा, ''मैंने उसे कहा था तेरा सर्वनाश होगा, उसने मुझे गालियां दी थीं। जिस दिन मैं गई तो उसके यहां सूतक लगा था और जब उसे आतंकियों ने मारा तो सूतक खत्म हुआ। '' इसकी भी तीखी प्रतिक्रिया हुई थी और भाजपा को बैकफुट पर आकर यह कहना पड़ा था कि यह साध्वी के निजी विचार हैं।
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