बढ़ सकती है प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किल, सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल खोलने की तैयारी में कमलनाथ सरकार
नई दिल्ली। भोपाल लोकसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार प्रज्ञा ठाकुर की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। क्योंकि मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार ने आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड की फाइल को फिर से खोलने का फैसला किया है। बता दें कि सुनील जोशी की हत्या 29 दिसंबर 2007 को गोली मारकर की कर दी गई थी। इसके बाद इस मामले में राजस्थान से गिरफ्तार किए गए एक शख्स के बयानों के बाद प्रज्ञा ठाकुर समेत 7 अन्य लोगों को इस मामले में आरोपी बनाया गया।
इस केस में बरी हो चुकी हैं साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर
हालांकि इस केस में आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिलने के बाद 1 फरवरी 2017 को सभी को मुक्त कर दिया गया। लेकिन अब कमलनाथ सरकार ने इस मामले को फिर से खोले जाने का फैसला किया है। बता दें कि प्रज्ञा ठाकुर पर मालेगांव विस्फोट मामले का आरोप भी लग चुका है। इसमें एक मामले में ट्रायल चल रहा है जबकि दूसरे मामले में वो बरी हो चुकी है। इसी बीच लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने उनको भोपाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया। दूसरी ओर इस सीट से कांग्रेस ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है।
पिता आरएसएस के स्वयंसेवक और डॉक्टर थे
प्रज्ञा ठाकुर के बार में आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के चंबल इलाके में ये पली बढ़ीं। उनके पिता आरएसएस के स्वयंसेवक और आयुर्वेदिक डॉक्टर थे। आगे चलकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अखिल विद्यार्थी परिषद की सक्रिय सदस्य बन गई। इसके साथ वो विश्व हिन्दू परिषद की महिला विंग दुर्गा वाहिनी से भी जुड़ीं। लेकिन साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर की जिंदगी में उस समय सबसे बड़ी मुसिबत खड़ी हो गई जब मालेगांव ब्लास्ट केस में उनका नाम सामने आया। उन्हें बम ब्लास्ट में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया था।
9 साल तक जेल में रहीं प्रज्ञा ठाकुर
हालांकि बाद में कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा के उपर मकोका (MCOCA) हटा लिया गया लेकिन उन पर गैर कानूनी गतिविधि रोकथान अधिनियम (UAPA) के तहत ममला चलता रहा। प्रज्ञा ठाकुर 9 सालों तक जेल में रही और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं। लेकिन इस बीच वो अपने एक बयान को लेकर चर्चा में आ गईं जब उन्होंने महाराष्ट्र एटीएस प्रमुख रहे हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दे दिया था। और अभी हाल फिलहाल में उन्होंने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताया। हालांकि बाद में उन्होंने इन दोनों बयानों पर माफी मांग ली।
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