मालेगांव ब्लास्ट: कोर्ट में गंदी कुर्सी देखते ही भड़क उठीं प्रज्ञा ठाकुर, जज के जाते ही चिल्लाने लगीं
नई दिल्ली। 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी व भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर शुक्रवार को स्पेशल एनआईए कोर्ट में पेश हुईं। जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद पहली बार साध्वी प्रज्ञा कोर्ट के सामने पेश हुई थीं। लेकिन जैसे ही कोर्ट की कार्यवाही खत्म हुई, साध्वी प्रज्ञा ने कुर्सी को अपनी नाराजगी जाहिर की। साध्वी प्रज्ञा कोर्ट में सुनवाई के लिए दोपहर करीब 2.45 बजे पहुंचीं थीं।
जज के बाहर जाते ही चिल्लाने लगीं साध्वी प्रज्ञा
मालेगांव ब्लास्ट केस में अदालत के सामने पेश हुईं साध्वी प्रज्ञा को जज ने बैठने की अनुमति दी लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया। पूरी सुनवाई के दौरान एक खिड़की के सहारे खड़ी रही प्रज्ञा ठाकुर जज के बाहर जाते ही चिल्लाने लगीं। उन्होंने कहा कि खराब तबीयत के बावजूद उनको ऐसी कुर्सी पर बैठने को कहा गया जो बहुत छोटी थी, खराब स्वास्थ्य के कारण वह उसपर बैठ नहीं सकती थीं। साध्वी प्रज्ञा ने चिल्लाते हुए कहा, 'कोर्ट में बैठने का स्थान तो दें, कम से कम सजा ना होने तक मुझे बैठने का अधिकार है, जब सजा हो जाए तो फांसी पर चढ़ा दीजिए।'
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मालेगांव ब्लास्ट केस में पेश हुईं साध्वी प्रज्ञा
इसके पहले, कोर्ट में सुनवाई के दौरान एनआईए के स्पेशल जज ने साध्वी प्रज्ञा ठाकुर से पूछा कि अब तक जांच किए गए सभी गवाहों ने कहा है कि 29 सितंबर 2008 को एक धमाका हुआ था जिसमें कई लोगों की मौत हो गई थी। आपका क्या कहना है?' इस पर उन्होंने जवाब दिया- 'मुझे नहीं पता'। इसके बाद स्पेशल जज ने प्रज्ञा ठाकुर से पूछा कि, क्या आप जानती हैं या आपके वकील ने आपको इस बारे में बताया है कि अभियोजन पक्ष ने अब तक कितने गवाहों की जांच की है?' जिस पर उन्होंने जवाब दिया - 'मुझे नहीं पता।'
हफ्ते में एक बार पेश होने का कोर्ट ने दिया था आदेश
प्रज्ञा ठाकुर को गुरुवार को अदालत में पेश होना था, लेकिन तबियत खराब होने की वजह से वो नहीं जा सकीं। उनके वकील ने जानकारी दी कि वो कमर दर्द और हाई ब्लड प्रेशर के कारण पेश नहीं हो सकीं। गुरुवार को खबर आयी थी कि प्रज्ञा ठाकुर बीमार हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं। शहर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। डॉक्टरों ने उन्हें आराम करने की सलाह दी थी। उनकी आंत में इंफेक्शन, कमर में दर्द और हाई ब्लड प्रेशर बताया गया था। डॉक्टरों ने उन्हें दो दिन अस्पताल में भर्ती रहने की सलाह दी थी।