शहीद हेमंत करकरे पर बयान के बाद साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने मांगी माफी, बोलीं- मेरा व्यक्तिगत दर्द था
नई दिल्ली। मुंबई एटीएस के प्रमुख शहीद हेमंत करकरे को लेकर दिए गए अपने बयान पर प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने माफी मांग ली हैं। उन्होंने कहा कि वो आतंकवादियों की गोलियों से मरे हैं, वह निश्चित रूप से शहीद हैं। मैंने महसूस किया कि विरोधियों को इसका फायदा हो रहा है, इसलिए मैं अपना बयान वापस लेती हूं और इसके लिए माफी मांगती हूं, यह मेरा व्यक्तिगत दर्द था।
दरअसल साध्वी प्रज्ञा ने गुरुवार को 26/11 मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे को लेकर विवादित बयान दिया। उन्होंने कहा कि हेमंत करकरे की मौत उनके श्राप की वजह से हुई। मैंने उससे कहा था कि तुम खत्म हो जाओगे और दो महीने से भी कम समय में उन्हें आतंकियों से मार गिराया। गौरतलब है कि 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए हमले के दौरान आतंकवादियों से लड़ते हुए करकरे मारे गए थे। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे। महाराष्ट्र एटीएस के प्रमुख रहते हुए हेमंत करकरे ने मालेगांव ब्लास्ट के सिलसिले में साध्वी प्रज्ञा की भूमिका की जांच की थी। इसके अलावा प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि हेमंत करकरे ने उन्हें इस केस में फंसाये थे।
बीजेपी
बोली-
यह
उनका
निजी
बयान
है
बीजेपी
ने
शुक्रवार
को
एक
पत्र
जारी
करते
हुए
यह
साफ
कर
दिया
है
कि
भारतीय
जनता
पार्टी
का
स्पष्ट
मानना
है
कि
स्वर्गीय
हेमंत
करकरे
आतंकवादियों
से
बहादुरी
से
लड़ते
हुए
वीरगति
को
प्राप्त
हुए।
भाजपा
ने
हमेशा
उन्हें
शहीद
माना
है।
बीजेपी
ने
पार्टी
का
स्टैंड
साफ
करते
हुए
कहा
है
कि
जहां
तक
साध्वी
प्रज्ञा
के
इस
संदर्भ
में
बयान
का
विषय
हैं,
वह
उनका
निजी
बयान
है
जो
वर्षों
तक
उन्हें
हुई
शारीरिक
और
मानसिक
प्रताड़ना
के
कारण
दिया
गया
होगा।
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