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यूपी बिहार में ये 7 शक्तियां रोकेंगी नरेंद्र मोदी के जादू को

By Ajay Mohan
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नई दिल्‍ली (ब्‍यूरो)। टाइम्‍स नाउ और सी-वोटर के साझा सर्वे में कहा गया है कि उत्‍तर प्रदेश और बिहार में नरेंद्र मोदी का जादू चलेगा, जबकि ताज़ा समीकरण और विरोधी पार्टियों के नेताओं के तेवर को देखते हुए ऐसा कतई नहीं लग रहा है। सच पूछिए तो यूपी-बिहार ही दो ऐसे राज्‍य हैं, जहां मोदी का जादू चलना बेहद मुश्किल है।

आप सोच रहे होंगे ऐसा कैसे हो सकता है, मोदी का जादू तो पूरे भारत पर चल रहा है, यह यूपी-बिहार में ऐसी क्‍या बात है। तो हम आपको बता दें कि इन दोनों राज्‍यों में ऐसी शक्तियां हैं, जो मोदी के जादू को निष्क्रिय करने की पूरी कोशिश करेंगी। वो शक्तियां निम्‍न हैं-

1. मुस्लिम फैक्‍टर: उत्‍तर प्रदेश की कुल जनसंख्‍या का 18.4 प्रतिशत मुस्लिम हैं। अपर क्‍लास के मुस्लिमों ने तो मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में स्‍वीकार करने का मन बना लिया है, लेकिन लोअर क्‍लास के मुसलमान अभी भी उसी दिशा में चल रहे हैं, जो मुलायम सिंह यादव जैसे नेता दिखा रहे हैं। खास बात यह है कि रामपुर समेत पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश के कई जिलों में मुसलमानों की तादात 40 प्रतिशत के करीब है। यह वो बेल्‍ट है, जहां पर सपा और बसपा मजबूत है। ऐसे में भाजपा के लिये सीटें जुटाना मुश्किल होगा।

2. मुलायम के बयान: सपा के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव को अच्‍छी तरह पता है कि मुसलमानों के वोट उनके लिये सबसे ज्‍यादा कीमती हैं, इसीलिये वो बार-बार आम मुसलमान को यह जताने की कोशिश में रहते हैं, कि भाजपा आयेगी तो उनका हाल बुरा हो जायेगा।

3. पार्टी में अंतरकलह: राष्‍ट्रीय स्‍तर पर भाजपा जितनी ज्‍यादा सशक्‍त दिखाई दे रही है, यूपी में उतनी ही ज्‍यादा कमजोर है, वो सिर्फ अंतर-कलह की वजह से। यहां पर कई राज्‍य स्‍तरीय नेता हैं जो प्रदेश अध्‍यक्ष लक्ष्‍मीकांत बाजपेयी की सुनते तक नहीं।

4. संसदीय सीट: अभी तक यह तय नहीं हुआ है कि नरेंद्र मोदी उत्‍तर प्रदेश में कहां से लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। नाम लखनऊ और वाराणसी का चल रहा है। अगर मोदी को वाकई में यूपी में फतह हांसिल करनी है, तो अभी से ही अपनी सीट तय करनी होगी।

5. दलित वर्ग: उत्‍तर प्रदेश का दलित वर्ग अभी भी बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती को अपना माई-बाप मानता है। यही कारण है कि बसपा को अगले चुनाव में कोई घाटा नहीं, बल्कि फायदा ही होता दिख रहा है। वो भी एक नहीं 10 सीटों का। 2009 में बसपा ने 21 सीटें जीती थीं, इस बार 31 सीटों पर कब्‍जा करती दिख रही है।

6. बिहार में नीतीश: यूपीए से अलग होने के बाद बिहार में भाजपा का दम कम होने लगा है। नीतीश ने विकास के दम पर जो वोट हासिल किये थे, उसे वो बरकरार रखने के लिये कुछ भी कर सकते हैं। ऐसे में मोदी फैक्‍टर का चलना मुश्किल हो सकता है।

7. बिहार में मुस्लिम फैक्‍टर: बिहार में 16.4 फीसदी मुसलमान हैं। यह वोट जदयू या राष्‍ट्रीय जनता दल के खाते में जा सकता है।

कुल मिलाकर देखा जाये तो नरेंद्र मोदी के लिये यूपी-बिहार में अपनी राहें आसान बनाना बेहद मुश्किल होगा। ऐसे में तमाम चुनावी सर्वेक्षणों के परिणाम भी उलट सकते हैं।

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English summary
After the survey of Times Now and C-Voter, it is assumed that Narendra Modi magic will appear in Uttar Pradesh and Bihar. But there are several powers to nullify the magic.
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