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सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद एलओसी पर आतंकियों के 55 कैंप्‍स और घाटी में 160 आतंकी

उरी आतंकी हमले के बाद हुई सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद फिर से आतंकवादी घाटी में आजाद घूम रहे हैं। एलओसी के दूसरी तरफ आतंकवादियों के 55 लॉन्‍च पैड्स सक्रिए हो गए हैं।

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नई दिल्ली। उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना की ओर से सर्जिकल स्‍ट्राइक की गई थी लेकिन इस स्‍ट्राइक के बाद फिर से आतंकी घाटी में सक्रिय हो चुके हैं। उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्‍तान को करारा जवाब देने के मकसद से यह कदम उठाया था लेकिन अब ऐसा लगता है कि वह मकसद अब खत्‍म हो चुका है। पुंछ में पिछले दो दिनों में जो हुआ उससे यह बात साफ हो जाती है।

सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद एलओसी पर आतंकियों के 55 कैंप्‍स और घाटी में 160 आतंकी

घाटी में 160 आतंकी घूम रहे

लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) की दूसरी तरफ आतंकियों के जिस ढांचे को तबाह किया गया था, वह फिर से तैयार हो चुका है। आज एलओसी के दूसरी तरफ पाकिस्‍तान समर्थित आतंकियों के करीब 55 आतंकी कैंप्‍स मौजूद हैं। इन्‍हीं लॉन्‍च पैड्स और कैंप्‍स के जरिए घाटी में घुसपैठ को अंजाम दिया जा रहा हे। घाटी में मार्च माह से ही घुसपैठ की घटनाओं में इजाफा हो रहा है। अब तक घाटी में 160 आतंकी दाखिल हो चुके हैं और आजाद घूम रहे हैं। पाकिस्‍तान ने इन 55 आतंकी कैंप्‍स में से 35 कैंप्‍स को देश में दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया था। सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद पाकिस्‍तान की ओर से यह कदम उठाया गया था। भारत के लिए चिंता की बात यह है कि 20 नए कैंप्‍स फिर से एलओसी पर आ गए हैं। इंटेलीजेंस ब्‍यूरों (आईबी) अधिकारियों की मानें तो करीब 160 आतंकी इस समय घाटी में सक्रिय हैं और ये आतंकी नई घुसपैठ का हिस्‍सा नहीं हैं। ये आतंकी पिछले वर्ष जुलाई से ही घाटी में मौजूद हैं। सिर्फ 15 आतंकी ही तीन माह के दौरान घाटी में दाखिल हो सके हैं।

सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले के हालात

सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले पाकिस्‍तान की ओर से लगभग रोज ही युद्धविराम तोड़ा जाता था। एलओसी पर करीब 228 बार युद्धविराम तोड़ा गया तो इंटरनेशनल बॉर्डर पर 221 बार युद्धविराम को तोड़ा गया। वहीं सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद एलओसी पर 22 बार युद्धविराम तोड़ा गया तो बॉर्डर पर इसकी संख्‍या सिर्फ छह दर्ज हुई थी। वर्ष 2017 में एलओसी और बॉर्डर पर युद्धविराम तोड़े जाने की घटना में किसी भी नागरिक की मौत दर्ज नहीं हुई। एलओसी पर सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले 13 नागरिकों की मौत युद्धविराम तोड़े जाने की घटना में हुई थी और इन घटनाओं में 83 लोग घायल हुए थे। वहीं बॉर्डर पर 74 लोग घायल हुए तो बीएसएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। वहीं सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले 25 जवान घायल हुए थे। वहीं आतंकी हमलों की संख्‍या में भी कुछ कमी आई है। सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले तीन माह के अंदर 110 आतंकी वारदाते दर्ज हुई थीं। स्‍ट्राइक के बाद यह संख्‍या घटकर 87 पर पहुंच गई थी। सर्जिकल स्‍ट्राइक से पहले 34 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे। सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद यह आंकड़ा 19 था।

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English summary
The terror infrastructure across the LoC was demolished after India carried out the surgical strikes in September. Today there are 55 terror camps backed heavily by the Pakistan.
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