Post Poll Survey: इस फैक्टर से अपना गढ़ बचाए रखने में कामयाब रहे नवीन पटनायक
नई दिल्ली। ओडिशा में चुनाव परिणाण ने राज्य में चुनावी प्रतिस्पर्धा ने राजनीति के दो महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाया है। जिसमें एक सरल और प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और दूसरी ओर से शक्तिशाली और निर्णायक प्रधानमंत्री के रूप में पीएम मोदी शामिल है। चुनाव के बाद लोकनीति सीएस-डीएस की ओर से किए गए एक सर्वे में यह बात सामने आई है कि एक तरफ ओडिशा के ग्रामीण कुछ और सोचते हैं तो शहरी कुछ और।
बीजद में सेकेंड लाइन नहीं होना बीजेपी के लिए आगे साबित होगा फायदेमंद
ऐसा इसलिए क्योंकि राज्य की राजनीति में कांग्रेस पूरी तरह से हाशिए पर हैं, दूसरी ओर से भाजपा न केवल मुख्य विपक्ष बल्कि बीजू जनता दल के लिए एक चुनौती के रूप में उभरी है। लेकिन बीजेपी अभी इंतजार कर रही है क्योंकि वो ये बात जानती है कि बीजेडी में सेकेंड लाइन नहीं है। बीजेपी केवल राज्य में सत्ता पर कब्जा करने के लिए इंतजार कर रही है।
बीजद के वोट शेयर में मामूली कमी
इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजद ने 2014 में जीती हुई आठ सीटें खो दी हैं। इसके बाद भी मतदाताओं के बीच नरेंद्र मोदी को लेकर स्पष्ट संकेत के बावजूद भाजपा से आगे रहने में सफल रही है। इस बार के लोकसभा चुनाव में बीजद ने बीजेपी की आठ सीटों की तुलना में 12 सीटों पर जीत दर्ज की है। जहां भाजपा ने अपने पिछले वोट शेयर में बढ़ोतरी देखने को मिली है। पिछली बार की तुलना में बीजेपी ने 17 प्रतिशत वोट शेयर की बढ़त के सात 38.4 प्रतिशत कर लिया है। जबकि बीजद के वोट प्रतिशत में मामूली नुकसान के साथ घटकर 42.8 प्रतिशत पर आ गया है।
अगले प्रधानमंत्री के सवाल में बीजद समर्थकों ने दिया यह जवाब
कांग्रेस के वोट प्रतिशत और सीट में भारी गिरावट देखने को मिली है। कांग्रेस कोरापुट सीट जीतने के साथ खाता खोलने में सफल रही है। वही विधानसाभ चुनाव में बीजद का प्रदर्शन शानदार रहा है। पांच सीटों पर हार के साथ नवीन पटनायक की बीजद 146 में से 112 सीटों पर जीत दर्ज की है। विधानसभा चुनाव में बीजद का वोट शेयर 44.7 प्रतिशत है जो कि पिछले चुनाव की तुलना में अधिक है। बीजेपी 32.5 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 23 सीटों पर जीत दर्ज करने में सफल रही है। सर्वेक्षण का जवाब देने वालों की संख्या में (प्रत्येक तीन में से दो) ने मुख्यमंत्री के पद के लिए नवीन पटनायक को सबसे उपयुक्त व्यक्ति के रूप में देखा। लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि ओडिशा के लोगों ने मोदी को नजरअंदाज कर दिया। क्योंकि अगला प्रधानमंत्री कौन होना चाहिए के सवाल में बीजद समर्थकों ने भी मोदी का नाम लिया है।
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