'हालात का मारा हूं, लेकिन जमीर जिंदा है' जब ये बोलते हुए कूड़ा उठाने वाले ने लौटाया कैश से भरा बैग
दुनिया में इंसानियत आज भी बाकी है और इसकी जीती-जागती मिसाल है ठाणे का रहने वाला ये शख्स। ठाणे के रहने वाले विश्वजीत ने वाकई में इंसानियत की मिसाल पेश की है।
नई दिल्ली। दुनिया में इंसानियत आज भी बाकी है और इसकी जीती-जागती मिसाल है ठाणे का रहने वाला ये शख्स। ठाणे के रहने वाले विश्वजीत ने वाकई में इंसानियत की मिसाल पेश की है। विश्वजीत को ट्रेन की पटरी पर नोटों से भरा एक बैग मिला, लेकिन इसे देखकर उनके मन में लालच नहीं आया, बल्कि सीधे जाकर उन्होंने वो बैग स्टेशन मास्टर को पकड़ा दिया। ये घटना ठाणे रेलवे स्टेशन की है।
ठाणे रेलवे स्टेशन पर आकांक्षा नाम की एक महिला का बैग नीचे गिर गया, जिसमें उनकी मार्च महीने की पूरी कमाई थी। ये बैग पटरियं पर कूड़ा-कबाड़ उठाने वाले विश्वजीत गुप्ता को मिला। बैग खोला तो विश्वजीत ने देखा कि इसमें क्रेडिट और डेबिट कार्ड के साथ 32,000 रुपये हैं। बैग देखकर विश्वजीत को खुशी तो हुई लेकिन फिर अगले ही पल उन्होंने सोचा कि जिसका बैग खोया है, उसकी इस वक्त क्या हालत होगी।
विश्वजीत तुरंत वो बैग लेकर स्टेशन मास्टर के पास गए और उसके पास जमा कराया। विश्वजीत ने कहा, 'साहब, मैं हालात का मारा जरूर हूं, लेकिन जमीर अब भी जिंदा है।' आकांक्षा ने एनबीटी से बातचीत में बताया कि इस बैग में उनकी मार्च महीने की पूरी कमाई थी। वो लोअर परेल में काम करती हैं और घर जाते वक्त भीड़-भाड़ में बैग का हैंडल टूट गया और बैग पटरी पर गिर गया।
इस बात की जानकारी उन्हें घर पहुंचकर लगी तो उन्होंने फौरन अपने दोस्त को फोन किया जो ठाणे स्टेशन पर मौजूद था। दोस्त जब स्टेशन मास्टर विजय रजक के पास शिकायत लेकर गया, तभी विश्वजीत वहां बैग जमा करवा रहे थे। ऐसे आकांक्षा को अपना बैग वापस मिला। बैग मिलने के बाद आकांक्षा ने विश्वजीत को उनकी सच्चाई के लिए 500 रुपये का इनाम भी दिया।
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