Lockdown: कोरोना संकट के बीच हुए लॉकडाउन ने खोले इस सेक्टर के लिए अवसर के दरवाजे
बेंगलुरु। कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब देशवासियों में लॉकडाउन को लेकर चर्चा जोरों पर है माना जा रहा है कि देश में अभी लॉकडाउन और आगे बढ़ाया जा सकता है। वहीं कोरोना वायरस और लॉकडाउन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ने लोकसभा और राज्यसभा में विभिन्न दलों के नेताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। बैठक में पीएम मोदी ने विपक्षी दलों को देश में लॉकडाउन बढ़ाने के संकेत दिए। पीएम ने इस दौरान कहा कि वह 11 अप्रैल को फिर से सभी राज्यों के सीएम से बात करेंगे जिसके बाद फैसला लेंगे। मालूम हो कि कोरोना वायरस से 5 हजार से अधिक लोग शिकार हो चुके हैं और 149 लोगों की इस संक्रमण के कारण मौत हो चुकी है। बीते 24 घंटे में 35 लोगों की मौत हुई है जो एक दिन में अबतक का नया रिकार्ड है।
लॉकडाउन में ठहर सी गई हर जिंदगी
ऐसा हो गया है कि लॉकडाउन जल्द खत्म होने का कोई चांस नहीं लग रहा हैं। कम से कम उन इलाकों में तो बिलकुल नहीं जहां पॉजिटिव केस लगातार सामने आ रहे है। शहरों से निकल कर कोरोना का वायरस देश के गांवों और झुग्गी झोपडि़यों में फैलने लगा है। लॉकडाउन का 14वां दिन है इन 14 दिनों में हर किसी की जिंदगी थम गयी है क्योंकि नया कुछ भी नहीं हो रहा। स्कूल-कॉलेज, उद्योग औऱ व्यापार पर गहरा असर पड़ा है। इस कोरोना संकट के बीच हुए लॉकडाउन के कारण एक सेक्टर के लिए अवसर के दरवाजे खोल दिए हैं।
इन कंपनियों के लिए बड़ा अवसर लेकरआया लॉकडाउन
यह लॉकडान ऑनलाइन आईटी कंपनियों के लिए बड़ा अवसर लेकर आया है । इससे आईटी कंपनियों को अपने कारोबार को बढ़ाने का नया अवसर मिल गया हैं। देश में 3 अरब डॉलर से अधिक ऑनलाइन शिक्षा का कारोबार है और लॉकडाउन के चलते उसमें खूब इजाफा हुआ है।
लॉकडाउन में शिक्षण संस्थान ले रहे इसका सहारा
गौरतलब है लॉकडाउन के चलते स्कूल-कॉलेज से लेकर कोचिंग संस्थान बंद पड़े हुए हैं। नई क्लास का सेशन स्टार्ट होने के समय में स्कूल बंद होने से छात्रों को शुरुआत में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन बहुत से शिक्षण संस्थानों ने इसका उपाय निकाल लिया हैं। वह अपने छात्र-छात्राओं को मोबाइल ऐप, यूट्यूब के जरिये ऑनलाइन क्लासेस ले रहे हैं। विभन्न स्कूलों और कोचिंग सेंटर्स ने अपने वर्चुअल क्लास और ऐप बनवाए हैं जिसे बच्चे प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं और मोबाइल फोन पर स्कूल या सेंटर्स द्वारा भेजे गए एसएमएस में दिए गए कोड को डालकर ऐप को जेनरेट करके पढ़ाई कर सकते हैं। कई स्कूलों ने इन ऐप के जरिए स्लेबस का काफी पोर्सन कंपलीट कर लिया हैं । जिन बच्चों का अगले वर्ष बोर्ड परीक्षाएं होनी हैं उनके लिए स्कूल बहुत से ऑनलाइन अफर्ट लगा रहे हैं। ताकि लॉकडाउन के कारण किसी बच्चे की पढ़ाई प्रभावित न हो। कई स्कूल की टीचर्स इसी के माध्यम से ऑनलाइन क्लासेस भी ले रही हैं।
सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वालों के लिए खुले नए अवसर
आईटी विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन ने यह आईटी कंपनियों और सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले पेशवरों के लिए बड़ा अवसर दिया है। बैंकिंग, शिक्षण, ई-कॉमर्स से लेकर तमाम तरह की सेवाएं देनी वाली कंपनियों को ऑनलाइन सर्विस का महत्व समझ में आ गया है। इसलिए कई कंपनियां जरूरत के अनुरूप इस क्षेत्र में अपने को विकसित कर रही हैं। इससे सॉफ्टवेयर पेशेवरों को बड़ा मौका मिल रहा है और आगे भी मिलेगा ये तय हो चुका हैं ।
लॉकडाउन में स्कूल- कालेजों को दिए ये निर्देश
बता दें कालेजों ने छात्रों के लिए ऑनलाइन स्टडी क्लास शुरू कर दी है और कुछ करने जा रहे हैं। शिक्षकों को इस संबंध में निर्देश जारी किया कर कहा है कि कोरोना के कारण लॉकडाउन होने से छात्रों की पढ़ाई ठप पड़ गई है। ऐसे में सभी विषयों के शिक्षकों को यू-ट्यूब व व्हाट्सएप पर संबंधित लेक्चर अपलोड करने का निर्देश दिया गया है। सभी शिक्षक व छात्र गूगल क्लास ट्यूटोरियल लिंक से जुड़ें और इसका लाभ उठायें। इतनी ही नहीं कहा गया है कि सभी शिक्षक गूगल क्लास के लिंक को अपनी आईडी से जोड़ें। जो कोड मिलेगा उससे छात्रों को जोड़ें। सभी शिक्षक अपना व्हाट्सएप नंबर छात्रों को दें। प्राचार्य ने कहा कि सभी शिक्षक व कर्मचारी लॉकडाउन का पालन करें।