जनसंख्या नियंत्रण कानून मामले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, केंद्र 4 हफ्ते में दाखिल करेगा जवाब
नई दिल्ली। जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका पर केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा गया है। अब कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 14 अगस्त की तारीख तय की है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को ये नोटिस एक याचिका के दायर होने के बाद जारी किया है, जिसमें याचिकाकर्ता ने मांग की है कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए वेंकटचेल्लइया कमिशन की सिफारिश को लागू किया जाए। याचिका में कोर्ट से मांग की गई है कि देश में दो बच्चों की नीति को लागू किया जाए।
इसके साथ ही चाहे सरकारी नौकरी हो या फिर सब्सिडी उसमें भी दो बच्चों की नीति को लागू किया जाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से कहा था कि वह 10 जनवरी तक जवाब दाखिल करे। लेकिन जब केंद्र की ओर से कोई जवाब नहीं मिला तो याचिकाकर्ता वकील अश्विनी उपाध्याय ने मामला सुप्रीम कोर्ट में उठाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को छह महीने पहले एक नोटिस जारी किया गया था, ऐसे में केंद्र को इस मामले पर अपनी राय बतानी चाहिए। जिसके बाद केंद्र की तरफ से चार हफ्ते का वक्त मांगा गया है।
आपको बता दें सुप्रीम कोर्ट में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्यय ने याचिका दाखिल कर भारत सरकार को प्रतिवादी बनाया है और ये कहा गया है कि जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कदम उठाए जाने चाहिए। बढ़ती जनसंख्या से नौकरियों में कमी हो रही है, अपराध बढ़ रहे हैं और संसाधनों की भी कमी हो रही है। जनसंख्या के नियंत्रण के लिए जस्टिस वेंकटचेलैया कमिशन की सिफारिशों को लागू किया जाना चाहिए।
आपको बता दें नेशनल कमिशन टू रिव्यू द वर्किंग ऑफ कंस्टिट्यूशन (एनसीआरडब्ल्यूसी) को बनाने के बाद कमिटी के चीफ जस्टिस वेंकटचेलैया ने दो साल तक बहस के बाद कुछ सिफारिश की थीं। जिसमें कहा गया था कि संविधान के अनुच्छेद 47 में बदलाव के बाद उसमें जनसंख्या नियंत्रण कानून बनाया जाए। याचिका में ये भी मांग की गई है कि कानून का उल्लंघन करने वालों से मतदान, चुनाव लड़ने जैसे अधिकार वापस लिए जाएं। साथ ही इसमें कहा गया है कि जनसंख्या का बढ़ना ही बहुत सी समस्याओं की जड़ है। यही अपराध में हो रही बढ़ोतरी का मुख्य कारण भी है।
राजस्थान
के
सियासी
संकट
में
आज
का
दिन
अहम,बागी
विधायकों
को
नोटिस
पर
कोर्ट
सुना
सकता
है
फैसला