JDU में शामिल हुए रणनीतिकार प्रशांत किशोर, जानिए उनके बारे में विस्तार से
पटना। साल 2014 के लोकसभा चुनावों को 'मोदी लहर' में तब्दील करने वाले रणनीतिकार प्रशांत किशोर आज जेडीयू में शामिल हो गए हैं, रविवार को जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक में नीतीश कुमार ने पीके को पार्टी की सदस्यता दिलाई।
पीके को इलेक्शन गुरु, राजनीति का चाणक्य और रणनीतिकार जैसे नामों से नवाजा जाता है, चलिए जानते हैं उनके बारे में विस्तार से..........
प्रशांत किशोर का बिहार से अभिन्न रिश्ता
पीके के नाम से मशहूर प्रशांत किशोर का जन्म साल 1977 में बिहार के सासाराम में हुआ था इसलिए प्रशांत का बिहार से विशेष लगाव है, इनकी मां तो यूपी की बलिया की रहने वाली हैं लेकिन इनके पिताजी बिहार में सरकारी डॉक्टर थे। इनकी पत्नी का नाम जाह्नवी दास है जो कि असम के गुवाहाटी में डॉक्टर हैं, इनके दो बच्चे एक बेटा और एक बेटी हैं, जिनका नाम किशोर और जाह्नवी है।
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सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (कैग) की स्थापना की
हमेशा पर्दे के पीछे रहकर चुनावी रणनीति को अंजाम देने वाले प्रशांत किशोर चर्चा में उस वक्त आए जिस वक्त भारी मतों से भाजपा लोकसभा चुनावों में विजयी हुई। इन्होंने साल 2014 में ही सिटिजन फॉर अकाउंटेबल गवर्नेंस (कैग) की स्थापना की थी। जिसे भारत की पहली राजनीतिक एक्शन कमिटी माना जाता है। यह एक एनजीओ है जिसमें आईआईटी और आईआईएम में पढ़ने वाले युवा प्रोफेशनल्स शामिल थे।
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इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक)
प्रशांत किशोर इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पैक) नाम का संगठन चलाते हैं। जो कि कैंपेन और भाषणों की ब्रांडिंग करता है। भाजपा से अनबन होने के बाद प्रशांत किशोर ने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव के लिए नीतीश कुमार- लालू यादव के महागठबंधन के लिए काम किया और भारी मतों से बिहार में महागठबंधन की पताका फहराई। हालांकि यूपी, आंध्रप्रदेश में उन्हें नाकामयाबी देखनी पड़ी।