EVM टेम्पर एक्सपर्ट सौरभ भारद्वाज ने तो नहीं लिखी केजरीवाल की जीत की पटकथा?
बेंगलुरू। बेशक दिल्ली में एक बार फिर अरविंद केजरीवाल मुख्यमंत्री बनने के मुहाने पर हैं। लगातार तीसरी बार आम आदमी पार्टी के धुंआधार प्रदर्शन से राजनीतिक और चुनाव विश्लेषकों की आंखें अब झपकना भूल गई है। यह इसलिए हुआ, क्योंकि 70 विधानसभा सीटों वाले दिल्ली विधानसभा में लगातार दूसरी बार केजरीवाल एंड पार्टी को 60 से अधिक सीटों पर जीत गई है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के रिकॉर्ड जीत का श्रेय अब तक केजरीवाल को दिया जा रहा था, लेकिन अब खुलासा हो चुका है कि यह कमाल केजरीवाल का नहीं, बल्कि ईवीएम का है।
दरअसल, ईवीएम टेंपर एक्सपर्ट के नाम से मशूहर AAP विधायक सौरभ भारद्वाज दिल्ली में आम आदमी पार्टी रिकॉर्ड की जीत के सूत्रधार हैं। इसका खुलासा गलती से लीक हुए सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौरभ भारद्वाज के कंप्यूटर हार्ड डिस्क से लीक हुए डेटा से हुआ है। हालांकि बहुमुखी प्रतिभा के धनी सौरभ भारद्वाज की यह प्रतिभा अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है।
क्योंकि उन्होंने अपने हुनर का प्रदर्शन करीब साढ़े तीन वर्ष पहले यानी 9 मई, 2017 को दिल्ली विधानसभा के सदन मे कर चुके हैं। अफसोस कि तब चुनाव आयोग ने सौरभ भारद्वाज की प्रतिभा को गंभीरता से नहीं लिया। वहीं, बीजेपी समेत विपक्ष ने तो उनकी प्रतिभा का मजाक तक उड़ा दिया था, लेकिन सौरभ भारद्वाज को खुद पूरा भरोसा था, जिसका परिणाम अब सबके सामने है।
गौरतलब है 9 मई, 2017 को दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर केजरीवाल सरकार ने आप विधायक सौरभ भारद्वाज की प्रतिभा से चुनाव आयोग और विपक्ष समेत पूरी दुनिया को बताने की कोशिश की थी, लेकिन सौरभ भारद्वाज की प्रतिभा का मजाक उड़ाया गया।
अपनी प्रतिभा और हुनर की बेकद्री से सौरभ भारद्वाज निराश नहीं हुए, क्योंकि आम आदमी पार्टी के मुखिया न केवल सौरभ भारद्वाज की प्रतिभा से परिचित थे, बल्कि 2015 में मिली दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली ऐतिहासिक जीत के राज को अपने सीने में दफन कर गए।
हालांकि चुनाव आयोग और विपक्षी नेताओं के तानों और कटाक्षों की परवाह न करते हुए आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज एक बार फिर सुर्खियों में है। एक बार फिर दिल्ली विधानसभा में केजरीवाल एंड पार्टी को मिली रिकॉर्ड जीत से उत्साहित अरविंद केजरीवाल ने सौरभ भारद्वाज की प्रतिभा पर आम आदमी पार्टी के पेटेंट का दावा किया है।
खबर तो यहां तक आ रही है कि चिकित्सा जगत से जुड़े अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिकों ने सौरभ भारद्वाज के दिमाग पर रिसर्च करने की घोषणा कर दी है। यही कारण है कि सौरभ भारद्वाज ने वैज्ञानिकों के रिसर्च के लिए अपना ब्रेन दान करने की घोषणा कर दी है।
उल्लेखनीय है अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभा की धरोहर सूची में शामिल हो चुके सौरभ भारद्वाज ने ईवीएम टेंपरिंग का डेमो दिल्ली विधानसभा में दिया था। वह महान दृश्य आज भी दिल्ली विधानसभा के अर्काइव में मौजूद है, क्योंकि सौरभ भारद्वाज के क्रांतिकारी खोज को सदन की कार्रवाई में बाकायदा शामिल किया था।
खबर है कि भारत सरकार ने अब दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र में सौरभ भारद्वाज के ईवीएम के सफल छेड़छाड़ वाले रिकार्ड को देश के धरोहर में शामिल करने का निर्णय किया है, जिससे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता में हर्षोउल्लास है। मोदी सरकार के इस कदम की प्रशंसा करते हुए अरविंद केजरीवाल ने भी लाख शिकायतों के बाद आभार जता दिया है।
दुनिया की सबसे मजबूत और टेंपर मुक्त कही जाने वाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (EVM) के दावों को एक सीक्रेट कोड के जरिए चकनाचूर कर दिया था। वर्तमान में भी दिल्ली विधानसभा में अर्काइव में ऐतिहासिक क्षण का रिकॉर्ड सुरक्षित है, जब कदम-दर-कदम सौरभ भारद्वाज ने लाइव दिखाया था कि कैसे ईवीएम से छेड़छाड़ मुमकिन है।
उन्होंने बाकायदा एक ईवीएम जैसी दिखने वाली मशीन के जरिए आम आदमी पार्टी को 10 बीएसपी को 2, कांग्रेस को 2, बीजेपी को 3 और समाजवादी पार्टी को 2 वोट देकर सीक्रेट कोड की मदद से नतीजों को बदलता हुआ दिखाया था।
महान सॉफ्टवेयर इंजीनियर सौरभ भारद्वाज ने सदन में यह कहकर चुनाव आयोग की आंख खोलने की भरसक कोशिश की थी कि कोई आम वोटर भी वोटिंग के जरिए अपनी पसंद की पार्टी का सीक्रेट कोड डाल दे तो उसके बाद डाले जाने वाले सभी वोट उसी पार्टी को जाएंगे।
अब गूढ़ बने ईवीएम के रहस्यों को उद्घाटित करते हुए सौरभ भारद्वाज ने खुलासा किया था कि ईवीएम में हर राजनीतिक पार्टी का एक सीक्रेट कोड होता है। यह सुनकर लोगों को भरोसा नहीं हुआ था, लेकिन जब भारद्वाज ने बीजेपी का कोड डालकर डेमो दिया तब सदन में मौजूद विधानसभा सदस्यों ने एकदूसरे की उंगलियों का चबा लिया था।
क्योंकि महान सॉफ्टवेयर इंजीनियर और आप विधायक सौरभ भारद्वाज के ईवीएम जैसी दिखने वाली मशीन में सीक्रेट कोड में बीजेपी का कोड डालकर वोट ईवीएम मशीन का बटन कुल 11 बार दबाए और परिणाम आए तो सदन में बैठे केजरीवाल मंद-मंद मुस्कुरा रहे थे। सौरभ भारद्वाज द्वारा सदन के भीतर यह डेमो देकर केजरीवाल ने एक नई ईमानदार राजनीति का परिचय दिया था।
डेमो के परिणाम बेहद भयानक थे। सदन में दिए ईवीम टेंपरिंग का डेमो देने के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कुल 15 बार ईवीएम जैसी दिखने वाली मशीन के बटन दबाए थे, जिसमें बीजेपी को 11 वोट मिले और बाकी सभी पार्टियों को 2-2 वोट हासिल हुए।
सदन में लाइव ईवीएम टेंपरिंग का सफल डेमो देकर एकाएक देश और दुनिया सुर्खियों में आए सौरभ भारद्वाज को न चुनाव आयोग ने सम्मानित किया और न ही विपक्ष ने हौसला आफजाई की गई। यही कारण था कि सौरभ भारद्वाज ने करीब साढ़े तीन साल गुमनामी में गुजारने पड़े, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में एक बार फिर अपने हुनर का डंका बजाकर उन्होंने साबित कर दिया कि उनका दावा सही था कि ईवीएम को टेंपर किया जा सकता है।
उसी दौरान में सौरभ ने चुनाव आयोग को चुनौती दी थी कि अगर 2017 में गुजरात विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल हुए ईवीएम मशीन उन्हें 3 घंटे के लिए दे दिए जाएं तो वो बीजेपी को एक भी बूथ नहीं जीतने देंगे, लेकिन चुनाव आयोग ने तब उनकी एक नहीं सुनी थी।
यही नहीं, चुनाव आयोग ने तब सौरभ भारद्वाज की प्रतिभा को इग्नोर करते हुए कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया था और मसले को सभी दलों की बैठक बुलाने की बात कहकर टाल दिया था। निः संदेह एक प्रतिभाशाली और होनहार युवा की हौसला आफजाई चुनाव आयोग को करना चाहिए था।
क्योंकि चुनाव आयोग की इन्हीं गलतियों के चलते 2015 और 2015 विधानसभा चुनाव में लगातार दो बड़ी हार झेलकर इज्जत गंवा चुके पूर्व बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने सौरभ भारद्वाज को अपना गुरू बना लिया है।
Disclaimer: उपरोक्त लेख महज एक राजनीतिक व्यंग है और उसे व्यंग की तरह ही लें!
अरविंद केजरीवाल कब समझेंगे कि दिल्ली में AAP की रिकॉर्ड जीत कांग्रेस की हार में छिपी है!