गरीब सवर्णों को आरक्षण: केजरीवाल बोले- हम सरकार का साथ देंगे, जानिए दूसरे दलों ने क्या कहा
नई दिल्ली। इस साल होने वाले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले जिस तरह से केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा दांव चलते गरीब सवर्णों को आरक्षण देने का फैसला लिया है, इस पर सियासी पारा चढ़ने लगा है। इस फैसले पर अलग-अलग पार्टियों की राय अलग-अलग है। कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले को जहां 'जुमला' बताया है, वहीं कुछ विपक्षी दल इसके समर्थन में नजर आ रहे हैं। आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी ट्वीट के जरिए केंद्र सरकार को इस फैसले पर समर्थन की बात तो कही है, साथ ही सरकार को घेरने की कोशिश भी की है।
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आम आदमी पार्टी ने कही समर्थन की बात, लेकिन कसा तंज
आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा, "चुनाव के पहले भाजपा सरकार संसद में संविधान संशोधन करे। हम सरकार का साथ देंगे। नहीं तो साफ़ हो जाएगा कि ये मात्र भाजपा का चुनाव के पहले का स्टंट है।" दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी मोदी सरकार के इस फैसले पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट करके कहा, "आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण जातियों के लिये मोदी सरकार ने 10% आरक्षण का स्वागत योग्य चुनावी जुमला छोड़ दिया है, ऐसे कई फ़ैसले राज्यों ने समय-समय पर लिये लेकिन 50% से अधिक आरक्षण पर कोर्ट ने रोक लगा दी क्या ये फ़ैसला भी कोर्ट से रोक लगवाने के लिये एक नौटंकी है?" एक और ट्वीट में उन्होंने कहा, "10% आरक्षण बढ़ाने के लिये संविधान संशोधन करना होगा सरकार विशेष सत्र बुलाये हम सरकार का साथ देंगे वरना ये फ़ैसला चुनावी जुमला मात्र साबित होगा।"
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'केंद्र सरकार ने सवर्ण समाज के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है'
केंद्र सरकार के फैसले पर बीजेपी नेता और पार्टी के सांसद राकेश सिंह ने वीडियो शेयर करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आज सवर्ण समाज के हित में एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। सबका साथ-सबका विकास के मंत्र के साथ चलते हुए अब देश में आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण परिवारों को भी सरकारी नौकरियों में 10% #Reservation दिया जाएगा।"
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यशवंत सिन्हा ने फैसले को बताया 'जुमला'
केंद्रीय कैबिनेट के फैसले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने ट्वीट करके इसे जुमला बताया है। उन्होंने कहा, "आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को 10% आरक्षण देने का प्रस्ताव एक जुमला से ज्यादा कुछ नहीं है। यह कानूनी पेचीदगियों से भरा हुआ है और संसद के दोनों सदनों से इसे पारित करने का कोई समय नहीं है। सरकार पूरी तरह से बेनकाब हो गई है।"
नवाब मलिक बोले- फैसले से गरीबों को फायदा नहीं होगा
एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा कि इस फैसले से पता चलता है कि इससे गरीबों को फायदा नहीं होगा, मध्यम वर्ग को ज्यादा फायदा होगा। अगर वे गरीबों को लाभ देना चाहते हैं, तो वित्तीय सीमा को कम किया जाना चाहिए। एक संवैधानिक संशोधन की आवश्यकता है।
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हरीश रावत बोले- 'बहुत देर कर दी मेहमां आते-आते'
कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश रावत ने कहा, "बहुत देर कर दी मेहमां आते-आते। यह ऐलान तभी हुआ है जब चुनाव नजदीक है। वो कुछ भी कर लें, उनका कुछ नहीं होने वाला। कोई भी जुमला उछाल दें, उनकी सरकार नहीं बचने वाली।"
हार्दिक पटेल ने केंद्र सरकार को दी चेतावनी
केंद्र सरकार के इस फैसले पर पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल ने भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव से पहले मोदी के तरकश का आखिरी तीर था। अगर यह लोगों को केवल लॉलीपॉप की तरह दिया जा रहा है तो यह गलत है। अगर इस फैसले को लागू नहीं किया गया तो आगामी चुनाव में मोदी सरकार को उचित जवाब मिलेगा।