अल्पेश ठाकोर: पिछड़ा वर्ग का नेता जो शराबबंदी का पक्षधर है
नई दिल्ली। गुजरात में पाटीदारों के नेता हार्दिक पटेल के बाद अल्पेश ठाकोर पिछड़ा वर्ग के नेता के तौर पर उभरे हैं। उनकी छवि सामाजिक कार्यकर्ता की है। गुजरात में करीब 50 फीसदी मतदाता पिछड़ा वर्ग से आते हैं। ऐसे में इस वर्ग से आने वाला नेता किसी भी दल का गणित बिगाड़ सकता है। अब अल्पेश ठाकोर का कांग्रेस में जाना भाजपा के लिए फांस बन गया है। अल्पेश ने राज्य में मादक पदार्थों के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी है। वो शराबबंदी के पक्षधर रहे हैं।
अल्पेश ठाकोर का जन्म 1978 में अहमदाबाद जिले के एंडला में हुआ था। अल्पेश के पिता का नाम खोड़ाभाई पटेल है। वे कांग्रेस के नेता रह चुके हैँ। 39 साल के अल्पेश पेश से किसान और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। गुजरात की राजनीति में उनकी छवि एक ओबीसी नेता की है।
अल्पेश ठाकोर की उपलब्धियों की बात करें तो उन्होंने ओबीसी के 146 समुदायों को एकजुट किया है। पांच साल पहले उन्होंने गुजरात में क्षत्रिय-ठाकोर सेना गठित की थी। इनके संगठन में 6.5 लाख सदस्य पंजीकृत हैं। अल्पेश ने ओबीसी, एससी और एसटी को एकजुट करने के लिए ओएसएस मंच का गठन किया था। गुजरात में अभी सात हजार गांवों में क्षत्रिय-ठाकोर सेना कमेटियां मौजूद हैं। 2017 तक अल्पेश का 15000 हजार गांवों में कमेटियां बनने का लक्ष्य है।
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