क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

राजस्थान में चढ़ता जा रहा है सियासी पारा, अब 3 पूर्व कानून मंत्रियों ने राज्यपाल को लिखी चिट्टी, बोले वरना...

Google Oneindia News

नई दिल्ली। राजस्थान का सियासी संकट अब सियासी संग्राम में तब्दील होता जा रहा है। बसपा अध्यक्ष मायावती ने राजस्थान का सियासी संकट का पारा और बढ़ाने की कोशिश की है, लेकिन हाईकोर्ट से कांग्रेस को राहत मिल गई। राजस्थान में विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राज्यपाल कलराज मिश्र के बीच युद्ध जारी है और इसी बीच कांग्रेस पार्टी के तीन बड़े नेता और पूर्व कानून मंत्रियों ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए जल्द विधानसभा सत्र बुलाने की मांग की है।

Recommended Video

Rajasthan Crisis: 3 पूर्व कानून मंत्रियों का पत्र, Assembly Session की मिली मंजूरी | वनइंडिया हिंदी
rajasthan

हाईकोर्ट के फैसलों ने बदली अशोक गहलोत के चेहरे की रंगत, यूं ही नहीं बीजेपी ने खेला है यह दांव?हाईकोर्ट के फैसलों ने बदली अशोक गहलोत के चेहरे की रंगत, यूं ही नहीं बीजेपी ने खेला है यह दांव?

 विधानसभा सत्र बुलाने से राज्यपाल कलराज मिश्र ने इनकार कर दिया है

विधानसभा सत्र बुलाने से राज्यपाल कलराज मिश्र ने इनकार कर दिया है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधानसभा सत्र बुलाने की अपील की गई है, लेकिन राज्यपाल कलराज मिश्र की ओर से अभी इनकार कर दिया गया है। हालांकि कथित अल्पमत में चल रही राजस्थान सरकार के मुखिया अशोक गहलोत ने विधानसभा सत्र बुलाने के लिए आधार शक्ति प्रदर्शन का नहीं दिया है। सीएम गहलोत ने राजस्थान विधानसाभा का विशेष सत्र बुलाने के लिए कोरोना महामारी और राजनीतिक संकट का आधार दिया है।

कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद व अश्विनी कुमार ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी

कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद व अश्विनी कुमार ने राज्यपाल को चिट्ठी लिखी

पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल, सलमान खुर्शीद और अश्विनी कुमार द्वारा सोमवार को राज्यपाल को लिखी चिट्ठी लिखी में कहा गया है कि राज्य सरकार के मंत्रियों और कैबिनेट द्वारा पास विधानसभा सत्र बुलाने के प्रस्ताव को राज्यपाल को पास करना होता है, ये संवैधानिक नियम है। इसके अलावा संविधान के आर्टिकल, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार विधानसभा का सेशन बुलाना राज्यपाल का कर्तव्य है।

नियमों का पालन नहीं हुआ तो राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है

नियमों का पालन नहीं हुआ तो राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है

चिट्ठी में तीनों नेताओं की ओर से कहा गया है कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया, तो ऐसी स्थिति में राज्य में संवैधानिक संकट पैदा हो सकता है। हमें उम्मीद है कि आप जल्द से जल्द इस मामले में फैसला लेंगे। कांग्रेस की राजस्थान सरकार की ओर से अब तक दो बार राज्यपाल को विशेष विधानसभा सत्तर बुलाने की मांग को लेकर दो चिट्ठी लिखी जा चुकी है, लेकिन राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर अरुचि दिखाई है।

सत्र बुलाने में विलंब से राजस्थान मेंसंवैधानिक गतिरोध पैदा हो गया हैः कांग्रेस

सत्र बुलाने में विलंब से राजस्थान मेंसंवैधानिक गतिरोध पैदा हो गया हैः कांग्रेस

तीन वरिष्ठ नेताओं ने कहा कि राज्यपाल की तरफ से सत्र बुलाने में विलंब करने से राजस्थान में एक ऐसा संवैधानिक गतिरोध पैदा हो गया है, जिसे पहले ही टाला जा सकता था। उन्होंने 2016 के ‘नबाम रेबिया मामले' और 1974 के ‘शमशेर सिंह बनाम भारत सरकार' मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सलाह पर विधानसभा सत्र बुलाने को बाध्य हैं।

सत्र बुलाने के राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव को सवालों के साथ वापस भेजा

सत्र बुलाने के राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव को सवालों के साथ वापस भेजा

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का राज्य मंत्रिमंडल का संशोधित प्रस्ताव कुछ 'सवालों' के साथ सरकार को वापस भेज दिया है। राजस्थान में राजनीतिक संकट के बीच सीएम गहलोत के नेतृत्व वाले मंत्रिमंडल ने विधानसभा सत्र 31 जुलाई से आहूत करने के लिए राज्यपाल को शनिवार देर रात एक संशोधित प्रस्ताव भेजा था।

कांग्रेस में बसपा विधायकों के विलय को लेकर दायर याचिका खारिज हुई

कांग्रेस में बसपा विधायकों के विलय को लेकर दायर याचिका खारिज हुई

उधर, बसपा के छह सदस्यीय विधायक दल के कांग्रेस में विलय को लेकर राजस्थान हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है। हालांकि इससे पहले हईकोर्ट ने राज्य के एडिशनल एडवोकेट जनरल आरपी सिंह से कहा कि वे मामले में विधानसभा अध्यक्ष से पूरी जानकारी लें और अदालत को सूचित करें, लेकिन सोमवार की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है, जिसको कांग्रेस के लिए राहत कही जा रही है।

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी पहले ही दायर याचिका खारिज कर चुके थे

विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी पहले ही दायर याचिका खारिज कर चुके थे

दरअसल, 6 बसपा विधायकों के कांग्रेस में विलय को लेकर याचिका को विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी पहले ही खारिज कर चुके हैं, लेकिन अभी तक किसी को इसकी जानकारी नहीं दी गई थी। जानकारी के अनुसार दस्तावेजों की कमी को आधार बनाकर उन्होंने इस माह के शुरुआत में यह याचिका खारिज की थी।

सितंबर, 2019 में बसपा के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे

सितंबर, 2019 में बसपा के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे

सितंबर, 2019 में बसपा के छह विधायक लाखन सिंह, जोगेंद्र अवाना, वाजिब अली, दीपचंद खेरिया, राजेंद्र गुढ़ा और संदीप कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए थे, लेकिन हाईकोर्ट में जारी सुनवाई के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने व्हिप जारी करते हुए बसपा विधायकों से विधानसभा का कार्रवाई में नहीं शामिल होने को कहा है।

Comments
English summary
The political crisis of Rajasthan is now turning into a political struggle. BSP President Mayawati has tried to increase the mercury of Rajasthan's political crisis further, but the Congress got relief from the High Court. The war between Chief Minister Ashok Gehlot and Governor Kalraj Mishra is going on for convening assembly session in Rajasthan and in the meantime, three big leaders of Congress party and former law ministers wrote to the Governor citing constitutional crisis and demanded to call assembly session soon. is.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X