जब नेताओं के मुँह से निकले महिलाओं पर विवादित बयान, जानिए कौन कौन हैं इसमें शामिल
नई दिल्ली। वैसे तो राजनीति पहले कभी इतने निम्न स्तर तक नहीं पहुँची थी, पर हाँ इक्की-दुक्की घटनाएं ऐसी होती थी जिससे राजनीतिक गरिमा को ठेस पहुंचता था। लेकिन आज के राजनीतिक दौर के अमर्यादित बयानों को सुनते हैं तो लगता है कि तब की अमर्यादित भाषा इतनी भी अमर्यादित नहीं थी। हालाँकि राजनीति में शालीनता का यह फिसलन केवल अपने की देश में नहीं है। पिछले एक दशक में पूरी दुनिया की राजनीति में यह फिसलन दिखा है। अमरीका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने सियासी विरोधियों को पागल, सनकी, भ्रष्ट और धोखेबाज़ कहते हैं। अपनी आलोचना करने वालों को कहते हैं कि वो अमेरिका छोड़कर चले जाएं। खैर, हम बात कर रहे हैं अपने देश की राजनीति में भाषाओं के गिरते स्तर की। इसमें सारी राजनीतिक पार्टियां एक सी हैं। उनमें भाषा के स्तर पर गिरने का होड़ लगा है। भाजपा सांसद रमा देवी पर आजम खान के शब्द, राजनीति में मर्यादाओं के गिरते स्तर की एक कड़ी मात्र है। इसकी शुरुआत काफी पहले ही हो चुकी थी। यह लोकसभा चुनाव इन तार-तार होते मर्यादाओं का एक पड़ाव मात्र था।
आइये अब जानते हैं उन राजनेताओं के बारे में जिन्होंने पर महिलाओं पर अमर्यादित शब्दों का इस्तेमाल किया है और उसपर हंगामा भी बरपा है।
शरद यादव
शुरुआत शरद यादव से करते हैं। महिलाओं के लिए विवादस्पद शब्दों का इस्तेमाल करने में शरद यादव कुख्यात रहे हैं। इनका बयान खुद इस बात की पुष्टि भी करता है। जून 1997 में संसद में महिला आरक्षण बिल पर बहस हो रहा था, इस बहस के दौरान इन्होनें कहा था कि इस बिल से सिर्फ़ पर-कटी औरतों को फ़ायदा पहुंचेगा। ये परकटी शहरी महिलाएँ हमारी ग्रामीण महिलाओं का प्रतिनिधित्व कैसे करेंगी। फिर 2017 में उन्होंने बयान दिया था कि वोट की इज़्ज़त आपकी बेटी की इज़्ज़त से ज़्यादा बड़ी होती है। अगर बेटी की इज्जत गई तो सिर्फ़ गांव और मोहल्ले की इज्जत जाएगी लेकिन अगर वोट एक बार बिक गया तो देश और सूबे की इज्जत चली जाएगी।
आगे के दिनों में शरद यादव इससे एक कदम और आगे बढ़ते दिखे। संसद में औरतों के रंग और शरीर की बनावट पर व्यंग्य कर बैठे थे। इस बार राजस्थान के अपनी चुनावी सभा में उन्होंने कहा था कि वसुंधरा को आराम दो, बहुत थक गई हैं. बहुत मोटी हो गई है, पहले पतली थी. हमारे मध्य प्रदेश की बेटी है। इसपर वसुंधरा ने कड़ी आपत्ति जताई थी।
नरेंद्र मोदी
अमर्यादित टिप्पणी करने के मामले में नरेंद्र मोदी पर भी कुछ छीटें हैं। 2012 में जब नरेंद्र मोदी एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे तो कांग्रेस के शशि थरूर की पत्नी सुनंदा थरूर के बारे में उन्होंने कहा था कि वाह क्या गर्लफ़्रेंड है, आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड? यह भाषा महिलाओं की मर्यादा के विपरीत वाली भाषा थी। तब पलटवार करते हुए शशि थरूर ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा था, "मोदी जी मेरी पत्नी 50 करोड़ की नहीं बल्कि अनमोल है, लेकिन आप को यह समझ में नहीं आएगा क्योंकि आप किसी के प्यार के लायक नहीं हैं। यह विवाद उस समय सुर्ख़ियों में रहा था।
फिर एक घटना 2018 में में हुई जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संसद में आधार पर बयान दे रहे थे। इसी दौरान कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी हंसने लगीं. मुस्कुराते हुए नरेंद्र मोदी बोले, सभापति जी रेणुका जी को आप कुछ मत कहिए रामायण सीरियल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है। हद तो तब हो गई जब बाद में केंद्र सरकार में राज्यमंत्री किरण रिजीजू ने फ़ेसबुक पर एक वीडियो शेयर कर रेणुका चौधरी की हंसी की तुलना रामायण के किरदार शूर्पणखा से कर डाली थी।
नरेश अग्रवाल
2018 में जया बच्चन को समाजवादी पार्टी की ओर से राज्य सभा में फिर से नामांकित किया गया था। उसी दौरान नरेश अग्रवाल ने जया बच्चन को फिल्मों में नाचने वाली कहा था। यह मुद्दा भी तूल पकड़ा था। यह भी अशोभनीय शब्द था। फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम करने वाले कलाकारों के लिए पहले भी टिप्पणी हुए हैं। 2012 में गुजरात चुनावों के नतीजों पर हो रहे एक टीवी बहस के दौरान काँग्रेस सांसद संजय निरुपम ने भाजपा के स्मृति ईरानी को कहा था कि कल तक आप पैसे के लिए ठुमके लगा रही थीं और आज आप राजनीति सिखा रही हैं।
सतपाल सिंह सत्ती
हिमाचल प्रदेश में भाजपा के सतपाल सिंह सत्ती ने राहुल गाँधी पर निशाना साधते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया था। वह विडिओ भी वायरल हुआ था। सतपाल सिंह सत्ती पीएम को चोर कहने वाली राहुल गाँधी की टिप्पणी पर उनके परिवार को जमानती कहे थे। इतना ही नहीं उन्होंने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा था कि भैया तेरी मां की जमानत हुई है, तेरी अपनी जमानत हुई है, तेरे जीजा की जमानत हुई है, पूरा टब्बर (परिवार) ही जमानती है। नरेंद्र मोदी की न जमानत हुई, न केस बना न सजा मिली। तू कौन होता है जज बनकर चोर बोलने वाला। हालाँकि इसके आगे भी उन्होंने कहा था जो महिलाओं के लिए अपमानजनक था।
अभिजीत मुखर्जी
पश्चिम बंगाल के जांगीपुर से कांग्रेस सांसद रह चुके अभिजीत मुखर्जी ने कहा था कि दिल्ली में 23-वर्षीय युवती के साथ बलात्कार के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही छात्राएं सजी-संवरी महिलाएं हैं जिन्हें असलियत के बारे में कुछ नहीं पता। हाथ में मोमबत्ती जला कर सड़कों पर आना फ़ैशन बन गया है। ये सजी संवरी महिलाएं पहले डिस्कोथेक में गईं और फिर इस गैंगरेप के ख़िलाफ़ विरोध दिखाने इंडिया गेट पर पहुंची।
आजम खान
इस विषय की चर्चा ही आजम खान के बिगड़े बोल वाले नए विवाद से हुआ है। ऐसा नहीं है की आजम खान विवादों में दूर रहे हैं और यह अचानक से हुआ है। पहले भी आजम खान ने अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया था। लोकसभा चुनाव में आजम खान ने रामपुर में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान कहा था कि जिसको हम ऊँगली पकड़कर रामपुर लाए, आपने 10 साल जिससे अपना प्रतिनिधित्व कराया उसने हमारे ऊपर क्या-क्या इल्जाम नहीं लगाए। क्या आप उसे वोट देंगे, उनकी असलियत समझने में आपको 17 बरस लगे, मैं 17 दिन में पहचान गया कि इनके नीचे का अंडरवियर खाकी रंग का है। वैसे उन्होंने इस बयान में जया प्रदा का नाम नहीं लिया था, लेकिन यह बयान जया प्रदा के लिए ही था। यह विवाद काफी चर्चा में रहा था। अब हाल की घटनाओ में आजम खान ने भाजपा सांसद रमा देवी को कहा था कि आप मुझे इतनी अच्छी लगती हैं कि मेरा मन करता है आपकी आंखों में आंखें डाले रहूं।
हालाँकि बिगड़े बोल के मामलों में केवल इतने ही राजनेता नही हैं। यह लिस्ट लम्बी है। और वर्तमान राजनीति में जिस तरह के घटनाक्रम आये दिन होते रहते हैं उससे ऐसा लगता है की यह लिस्ट बढ़ती ही जाएगी।