पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया का दावा- खबरी ने पहले ही दे दी थी गुलशन कुमार के मर्डर प्लान की जानकारी, लेकिन...
मुंबई। देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे पूर्व आईपीएस अधिकारी राकेश मारिया ने अपनी किताब 'Let Me Say It Now' में कई सनसनीखेज दावे किए हैं। मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्हें टी सीरीज के मालिक रहे कैसेट किंग गुलशन कुमार की हत्या की जानकारी पहले ही मिल चुकी थी। मारिया ने किताब में बताया है कि उनके खबरी ने उन्हें पहले ही बता दिया था, और उन्हें अफसोस है कि वो इस हत्या को रोक नहीं पाए। राकेश मारिया के मुताबिक उनके खबरी ने उन्हें फोन कर कहा था 'सर गुलशन कुमार का विकेट गिरने वाला है।' खबरी से पूछा गया कि विकेट कौन गिराने वाला है तो जवाब था- अबू सलेम।
खबर एकदम पक्की है सर, वर्ना आपको बताता ही नहीं
राकेश मारिया ने किताब में लिखा है कि खबरी ने जब उनसे फोन पर कहा कि अबु सलेम ने प्लान बना लिया है और वह शिव मंदिर के पास गुलशन कुमार पर हमला करेंगे। जब मारिया ने पूछा कि खबर पक्की है तो खबरी ने कहा साहब, खबर एकदम पक्की है, नहीं तो मैं आपको क्यों बताता। मारिया ने लिखा है कि फोन पर यह जानकारी मिलने के बाद वह सोचने लगे कि क्या करें।
मारिया ने किया महेश भट्ट को फोन
मारिया ने किताब में लिखा है, खबरी से मिली जानकारी के बाद उन्होंने अगले दिन बॉलीवुड के निर्माता-निर्देशक महेश भट्ट को फोन किया था। उनसे पूछा था कि क्या वो गुलशन कुमार को पहचानते हैं? पहले तो सुबह-सुबह मेरा फोन जाने से महेश भट्ट अचरज में पड़ गये थे लेकिन फिर उन्होंने जवाब दिया-'हां', गुलशन कुमार को पहचानता हूं। मैं उनकी एक फिल्म का निर्देशन कर रहा हूं।' महेश भट्ट ने इस बात की भी पुष्टि की थी कि वह हर सुबह शिव मंदिर जाते हैं।
गुलशन कुमार की सुरक्षा मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच को देने की बात कही
मारिया ने कहा कि उन्होंने मुंबई पुलिस के क्राइम ब्रांच से कहा था कि वह गुलशन कुमार को सिक्योरिटी देने को कहा था लेकिन 12 अगस्त 1997 को मारिया को फोन मिला कि गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई है। जांच के दौरान पता चला कि गुलशन कुमार की सुरक्षा यूपी पुलिस संभाल रही थी। इसकी वजह से मुंबई पुलिस ने अपनी सुरक्षा वापस ले ली थी। मारिया के अनुसार यूपी पुलिस पूरी मुस्तैदी के साथ गुलशन कुमार की सुरक्षा कर रही थी लेकिन जब यह खतरा कम हुआ तो सतर्कता कम हुई। इसी का फायदा उठा कर गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई।
12 अगस्त, 1997 को हुई थी गुलशन कुमार की हत्या
12 अगस्त, 1997 को हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए काला दिन था। सुबह के करीब साढे आठ बजे गुलशन कुमार अंधेरी के जीतेश्वर महादेव मंदिर पूजा करने गए हुए थे जहां गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी। जिस देसी तमंचे से गुलशन कुमार की हत्या की गई उस पर बम्हौर लिखा था।
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गोली मारने वाले ने कहा- बहुत पूजा कर ली। अब ऊपर जा के करना
जैसे ही गुलशन कुमार पूजा करके मंदिर की सीढ़ियों से नीचे उतरे उन्हें बंदूक की रिम महसूस हुई। उन्होंने सामने खड़े शख्स से पूछा- ''ये क्या कर रहे हो। उसने जवाब दिया- बहुत पूजा कर ली। अब ऊपर जा के करना।'' जैसे ही गुलशन कुमार कुछ कह पाते। बंदूक से उन पर 16 राउंड फायरिंग कर दी गई। उनकी गर्दन और पीठ में 16 गोलियां लगी थीं। गुलशन कुमार के ड्राइवर अपने मालिक को बचाने के लिए हत्यारों पर कलश फेंकते रहे लेकिन हत्यारें नहीं रुके। देखते ही देखते उनकी जान चली गई।
दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्प शूटरों ने दिया हत्या को अंजाम
जानकारी के मुताबिक अबु सलेम ने गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्प शूटरों को दी थी। 9 जनवरी 2001 को विनोद जगताप ने कुबूल किया कि उसने ही गुलशन कुमार को गोली मारी। साल 2002 को विनोद जगताप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। विनोद जगताप अभी भी जेल में ही है, लेकिन दाऊद मर्चेंट 2009 में परोल पर रिहाई के दौरान फरार हो गया और बांग्लादेश भाग गया था।
दाऊद ने मांगी थी रंगदारी मना करने पर हुआ ये
पुलिस के हिसाब से गुलशन कुमार की कैसेट कंपनी टी सीरीज की सफलता को देखकर दाऊद इब्राहिम ने एक बड़ी रकम की मांग की थी। गुलशन कुमार ने इनकार करते हुए कहा कि इतने रुपए देकर वो वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे। उन दिनों D कंपनी का आतंक इंडस्ट्री में बढ़ रहा था। फिल्मों की कहानी से लेकर कास्टिंग तक भाई के फोन पर बदल जाती थी। इसके बाद से ही वह अंडरवर्ल्ड के निशाने पर आ गए।