यहां जात-पात में बंटे हैं पुलिस लाइन के चूल्हे
पटना। कहते हैं कानून कोई भेदभाव नहीं करता, जाति नहीं देखता, धर्म नहीं देखता। लेकिन कानून के रखवाले ही जातपात के जाल में इस तरह घुट रहे हैं कि अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल है। पटना के पुलिसलाइन में पुलिसवालों के चूल्हे जाति के आधार पर बंटे हुए हैं।
जाति के बैरक में ही रहते हैं
बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक यहां पुलिस के हजारों जवान अपनी-अपनी जाति के बैरक में रहना पसंद करते हैं। यही नहीं सभी का एक चूल्हा नहीं है। सभी की जाति के आधार पर सभी के अलग-अलग चूल्हे हैं।
आयोग ने जताया ऐतराज
बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग ने पुलिस लाइन की जातिवादी बैरक पर कड़ी नाराजगी जताई है। अक्टूबर माह में जारी आदेश के जवाब में पुलिस मुख्यालय ने स्वीकार किया है कि पटना की न्यू पुलिस लाइन की रसोई और बैरक अलग-अलग जातियों में बंटे हुए हैं। गौरतलब है कि 2006 तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी पुलिस लाइन के जातीय चूल्हे बंद कराने का निर्देश दिया था लेकिन कुछ नहीं हो सका।