खुलासा ना होने के आक्रोश के चलते बड़े जन आंदोलन में बदलता विक्रम त्यागी केस!
नई दिल्ली। गाजियाबाद के चर्चित कंस्ट्रक्शन कारोबारी संजय त्यागी के भतीजे कंस्ट्रक्शन कारोबारी विक्रम त्यागी को लापता हुए 15 दिन से अधिक वक्त हो गया है, लेकिन इस मामले में उत्तर प्रदेश पुलिस अभी तक कोई सुराग नहीं ढूंढ पाई है। समय बीतने के साथ-साथ परिवार में विक्रम की सकुशल वापसी को लेकर चिंता बढ़ रही है। ये मामला अब धीरे-धीरे एक बड़े जनांदोलन का रूप ले रहा है। त्यागी समाज के साथ-साथ अन्य समाज के लोग, स्वयंसेवी संस्थाओं और व्यापारिक संगठनों, वरिष्ठ राजनेताओं में पुलिस की बेहद लचर कार्यप्रणाली को लेकर तेजी से आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
इस घटना के दूसरे दिन ही विक्रम त्यागी के साथ घटित घटना के तथ्यों को देखकर, यह काफी हद तक स्पष्ट हो गया था कि ये मामला केवल गुमशुदगी का मामला नहीं है, बल्कि ये कहीं ना कहीं किसी बड़ी अनहोनी या अपहरण की तरफ इशारा कर रहा है। जदयू, आप, भाजपा समेत कई नेता इस मामले को लगातार शासन-प्रशासन के स्तर पर उठा रहे हैं। दूसरी ओर बिल्डर एसोसिएशन के कई लोग भी इस मामले को बड़े जनांदोलन का रूप दे रहे हैं। आम लोगों ने विक्रम त्यागी न्याय मंच का गठन किया है।
विक्रम त्यागी 26 जून को अपने पटेल नगर कार्यालय से घर के लिए लौटे थे और वह घर के पास अपनी गाड़ी के साथ लापता हो गए। मोबाइल की अंतिम लोकेशन भी घर के पास की ही है। इसके अगले दिन 27 जून को उनकी गाड़ी लावारिस हालत में मुजफ्फरनगर में मिली। जिसकी सीट पर खून के निशान थे। विक्रम उस समय लापता हुए जब राज्य में सख्त रात्रि लॉकडाउन था। रास्ते में केवल एक जगह गाड़ी को खतौली के पास पुलिस बैरियर पर रोकने का प्रयास किया गया, जहां से अपराधी गाड़ी को लेकर फरार हो गए, उसके बाद गाड़ी तितावी में बरामद हुई। सूत्रों के अनुसार गाजियाबाद के अलावा हापुड़, मेरठ और मुजफ्फरनगर पुलिस भी विक्रम की तलाश में जुटी हैं। एसएसपी कलानिधि नैथानी व एसपी सिटी मनीष मिश्रा लगातार स्वयं मामले को देख रहे हैं।