तबरेज मॉब लिंचिंग मामला: पुलिस ने फिर जोड़ी हत्या की धारा 302, पिटाई के वायरल वीडियो को सही पाया
रांची: झारखंड के तबरेज मॉब लिंचिंग केस में नया मोड़ आ गया है। इस केस में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत हत्या की धारा (302) को चार्जशीट में फिर से जोड़ लिया गया है। झारखंड पुलिस ने जांच में तबरेज के वायरल वीडियो को सही पाया है। इसके बाद पुलिस ने दोबारा हत्या की धारा को जोड़ दिया है। गौरतलब है कि तबरेज को चोरी के आरोप में भीड़ ने पीटा था। इसका वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था।
पुलिस ने जोड़ी हत्या की धारा
गौरतलब है कि तबरेज की मौत के बाद पुलिस ने 11 आरोपियों पर आईपीसी की धारा 302 के तहत मामला दर्ज हुआ था। हालांकि बाद में पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत 11 आरोपियों पर दर्ज मामले को खारिज कर दिया था। पुलिस ने पोस्टमार्टम का हवाला देते हुए कहा था कि ये हत्या का मामला नहीं है। पुलिस का कहना था कि ये पूर्व नियोजित हत्या का मामला नहीं है, लेकिन अब धारा 302 को फिर से जोड़ लिया गया है।
तबरेज की विधवा ने दी खुदकुशी की धमकी
तबरेज की विधवा शाहिस्ता ने तरबेज की हत्या के मामले में धारा 302 नहीं लगाने पर आत्महत्या की धमकी दी थी। इसी के साथ उसने आरोप लगाया कि उन्हें मुआवजे के रूप में एक भी पैसा नहीं मिला है। उसने हाई कोर्ट में 50 लाख मुआवजा और सरकारी नौकरी के लिए याचिका डाली है। वहीं आरोपियों के वकील सुबोध चंद्र हजरत का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं है। इस मामले में कोई चश्मदीद नहीं है।
तबरेज की भीड़ ने पीट-पीट कर की हत्या
झारखंड के खरसावां में 18 जून को तरबेज को चोरी के शक में पकड़ने के बाद भीड़ ने पीट-पीट कर उसकी हत्या कर दी। 24 साल के तबरेज को भीड़ ने पोल से बांध कर बुरी तरह पीटा। पुलिस को सौंपे जाने से पहले करीब 18 घंटे तक लोग लाठी-डंडे से उसे पीटते रहे।
'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगवाए
इस दौरान तबरेज को ग्रामीणों ने 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगाने को कहा और ऐसा न करने पर उसकी जमकर पिटाई की। पुलिस घटनास्थल पर 18 घंटे बाद पहुंची। बाद में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां 22 जून को उसकी मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है।
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