क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

इमरान के कहने पर अमेरिका पहुंचे PoK के पीएम रजा फारूक हैदर, नाक कटाकर लौटे

Google Oneindia News

नई दिल्ली-पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की वजह से पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) के कथित प्रधानमंत्री की भी भारी फजीहत हो गई है। दरअसल, रजा फारूक हैदर को इमरान ने जम्मू-कश्मीर का रोना रोने के लिए अमेरिका भेजा था, लेकिन वे अमेरिकी नीति निर्धारकों को अपनी बातों से प्रभावित तो नहीं ही कर पाए, उल्टे वहां उनकी खूब खिंचाई भी हो गई। इमरान ने उन्हें अमेरिकी थिंक टैंक्स और ओपिनियन मेकर्स के पास जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने को लेकर भारत-विरोधी भावना भड़काने के लिए भेजा था। गौरतलब है कि ये वही हैदर हैं जिन्होंने पीओके को पाकिस्तान के संरक्षण में अपनी जागीर बनाकर रखा है और उन्हें पाकिस्तानी सरकार और पाकिस्तानी आर्मी से जो भी आदेश मिलता है, ये उसी का हुक्म बजाते आए हैं।

इमरान की दाल नहीं गली

इमरान की दाल नहीं गली

पाकिस्तानी पीएम इमरान खान की चाल थी कि अगर अमेरिकी नीति नियंताओं को जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार के उल्लंघन (झूठे आरोपों) के मामलों में अपने पक्ष में करना है तो उसके लिए उसके कब्जे वाली कश्मीर (पीओके) के कठपुतली पीएम रजा फारूक हैदर से बेहतर शख्स कोई नहीं हो सकता। इसी मकसद से उन्होंने अमेरिकी बुद्धिजीवियों को समझाने के लिए खासतौर पर अमेरिका रवाना किया। लेकिन, ईटी की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के फैसले को लेकर अमेरिकी बुद्धिजीवियों को प्रभावित करने में वे बुरी तरह नाकाम हो गए हैं। अपने अमेरिकी प्रवास के दौरान हैदर ने अमेरिका के कई ओपिनियन मेकर्स से मुलाकात की, जिसमें अमेरिका के कई टॉप थिंक टैंक्स के एक्सपर्ट भी शामिल हैं। इन सबके सामने उन्होंने कश्मीर का रोना तो खूब रोया, लेकिन आखिरकार स्थिति ऐसी बनी कि उन्हें अपना सा मुंह लेकर वापस लौटना पड़ गया।

हैदर ने अमेरिका में ऐसा क्या कह दिया?

हैदर ने अमेरिका में ऐसा क्या कह दिया?

पीओके के पीएम हैदर पिछले 26 अगस्त को कश्मीर मामले के सिलसिले में अपनी बात रखने के लिए वॉशिंगटन डीसी स्थित विड्रो विल्सन सेंटर पहुंचे। वहां पर साउथ एशिया के सीनियर एक्सपर्ट माइकल कुगेलैन ने उनसे जम्मू और कश्मीर के दोनों हिस्सों जम्मू-कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाली कश्मीर पर उनकी राय मांगी। यहां पर उन्होंने लोगों को यह कहकर चौंका दिया कि मानवाधिकार पर यूएन के फैक्ट फाइंडिंग मिशन को सिर्फ जम्मू और कश्मीर में ही नहीं, बल्कि पीओके में भी भेजा जाना चाहिए। इसके बाद यूनाइटेड स्टेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ पीस के तारा कार्था के सवाल के जवाब में उन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो पर पीओके की ऑटोनॉमी छीनने और क्षेत्र में पाकिस्तानी संविधान थोपने का आरोप लगा दिया। इस दौरान उन्होंने ये भी कहा कि पीओके प्रशासन चाहता है कि उसे शुरू से जो अधिकार मिले हुए थे, उसी को बहाल किया जाना चाहिए।

इसे भी पढ़ें- आर्टिकल 370 हटने से बौखलाए इमरान खान ने कश्मीर को लेकर कर डाले 60 ट्वीटइसे भी पढ़ें- आर्टिकल 370 हटने से बौखलाए इमरान खान ने कश्मीर को लेकर कर डाले 60 ट्वीट

.....तो ऐसे कटी इमरान के आदमी की नाक

.....तो ऐसे कटी इमरान के आदमी की नाक

अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान पीओके के प्रधानमंत्री ने जम्मू और कश्मीर में 'सशस्त्र स्वतंत्रता संघर्ष' के समर्थन की बात भी मान ली। एक बुद्धिजीवी ने साफ कहा कि ये तो सीधे-सीधे वहां सीमापार से आतंकवाद को सपोर्ट करना है। गौरतलब है कि भारत, पाकिस्तान के जिस चेहरे को दुनिया के सामने रखता आया है, वे बात अमेरिकियों के सामने इमरान के भेजे हुए आदमी ने अपनी जुबान से स्वीकार कर ली है। यही नहीं अमेरिकी बुद्धिजीवियों के सवालों का हैदर जिस तरह से जवाब देने की कोशिश कर रहे थे, उससे उन्हें ये बात समझते देर नहीं लगी कि पाकिस्तान के खिलाफ बयानबाजी का दिखावा करके वे खुद को जम्मू-कश्मीर के नुमाइंदे की तरह पेश करने की फिराक में हैं। जबकि, पीओके के नेताओं की पाकिस्तान परस्ती अमेरिका से छिपी नहीं है। पाकिस्तान की राजनीति पर करीबी नजर रखने वाले एक अमेरिकी एक्सपर्ट ने कहा कि "रजा फारूक हैदर सीधे-सीधे दोहरी जुबान में बात कर रहे थे।" उन्होंने कहा कि 'पाकिस्तान को विलेन दिखाकर वे अंतरराष्ट्रीय समुदाय को खुश करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि दूसरी तरफ वह पाकिस्तानी सरकार पर ही निर्भर रहते हैं।'

दुनिया की नजरों में क्या है पीओके नेताओं की असलियत?

दुनिया की नजरों में क्या है पीओके नेताओं की असलियत?

अब आपको बतातें हैं कि हैदर और उनके परिवार ने पाकिस्तानी हुक्कमरानों और वहां की आर्मी की इच्छा से किस तरह से पीओके को अपनी जागीर बना रखी है। खुद हैदर ने अमेरिकियों के सामने यह कबूल किया है कि उनकी मां और उनकी बहन भी पाकिस्तानी कब्जे वाली कश्मीर विधानसभा की सदस्य हैं। यानि पीओके विधानसभा में महिलाओं के लिए जो पांच सीटें आरक्षित हैं, उनमें से दो पर उनके परिवार वालों का ही कब्जा है। यही नहीं हैदर पाकिस्तान मुस्लिम लीग से जुड़े हैं और उन्हें 2016 में ही वहां का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया है। जब मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने का फैसला किया, तब इन्होंने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) को 'सीजफायर लाइन' घोषित करने की भी मांग की थी। पिछले साल ये जिस लोकल हेलिकॉप्टर में उड़ान भर रहे थे वह एलओसी का उल्लंघन करके भारतीय क्षेत्र में भी घुस आया था।

<strong>इसे भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने दिया ये बयान</strong>इसे भी पढ़ें- सुप्रीम कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा ने दिया ये बयान

Comments
English summary
PoK PM Raza Farooq Haider arrives in America at Imran's behest, failed to impress
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X