PoK में चीन-पाकिस्तान की भारत के खिलाफ नई चाल, 700MW हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का करार
नई दिल्ली- लगता है कि पाकिस्तान ने चीन की मिलीभगत से पीओके में ड्रैगन की दखलअंदाजी बढ़ाने की एक और बड़ी साजिश रची है। उन्होंने वहां पीओके की 'दिखावटी' सरकार और एक चीनी कंपनी और एक लोकल फर्म के बीच 700 मेगावॉट के एक हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के समझौते पर हस्ताक्षर करवाया है। इस करार से पीओके के 'आजाद पट्टन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट' में चीन अपनी गेझोउबा ग्रुप और पाकिस्तान अपने लाराइब ग्रुप के जरिए हिस्सेदार बन गए हैं। पाकिस्तान के एक स्थानीय अखबार के जरिए इस अहम करार की खबर सामने आई है। गौरतलब है कि भारत पीओके में चीन की बढ़ती दखलंदाजी पर आपत्ति जाहिर करते हुए पाकिस्तान को पहले ही आगाह कर चुका है कि वह पूरा इलाका भारत का अभिन्न अंग और वह उसे जल्द से जल्द खाली कर दे।
पीओके में पाकिस्तान-चीन की नई चाल
पाकिस्तानी अखबार डॉन की खबर के मुताबिक चीन की कंपनी ने पीओके में 'आजाद पट्टन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट' के लिए जो समझौता किया है, उसपर 1.35 अरब डॉलर की अनुमानित लागत आने वाली है। भारत के लिए यह इसलिए चेतावनी वाली खबर है, क्योंकि यह प्रोजेक्ट इलाके से गुजरने वाली चीन की महत्वाकांक्षी 'चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर' का हिस्सा है, जिसका पीओके से होकर गुजरने पर भारत विरोध जताता है। यह प्रोजेक्ट पीओके के साधानोती जिले में झेलम नदी पर बनना है। इस प्रोजेक्ट पर चीन का कितना प्रभाव होगा यह इसी से पता चलता है कि इसमें चाइना डेवलपमेंट बैंक, चाइना कंस्ट्रक्शन बैंक, इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक ऑफ चाइना ऋणदाताओं में शामिल होंगे। इस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों का दावा है कि इस प्रोजेक्ट से इंधन का आयात बंद होगा और पाकिस्तान सस्ती और हरित ऊर्जा पैदा करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। यही नहीं दावा तो यहां तक किया गया है कि इसके कारण 3,000 रोजगार के मौके बनेंगे। अनुमान है कि 2027 तक यहां से नेशनल ग्रिड को 3,266 जीडब्ल्यूएच सालाना बिजली उपलब्ध होगी।
चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर का है हिस्सा
गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर चीन के शिंजियांग प्रांत को बलूचिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है। यह कॉरिडोर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव का फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है। शुरू में सीपीईसी प्रोजेक्ट की कीमत 46 अरब डॉलर अनुमानित थी, जो कि 2017 तक बढ़कर 62 अरब डॉलर तक पहुंच चुका था। अब दोनों देशों ने जो 'आजाद पट्टन हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट' को लेकर नया करार किया है, उसमें उसे लागू करने और प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए पानी के इस्तेमाल के समझौते पर पीओके के बिजली सचिव जफर महमूद खान और आजाद पट्टन पावर प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ ली शिआओटा ने मंगलवार को हस्ताक्षर किए हैं। पाकिस्तान सरकार पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान की मौजूदगी में प्रोजेक्ट को लेकर कार्यान्वयन समझौता, पंजाब जल इस्तेमाल संधि और त्रिपक्षीय बिजली खरीद समझौते पर जुलाई में ही हस्ताक्षर कर चुकी है।
पीओके पर पाकिस्तान के अवैध कब्जे का भारत जताता है विरोध
गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर को लेकर भारत चीन से इसलिए विरोध जता चुका है कि यह पीओके से होकर गुजरता है। भारतीय विदेश मंत्रालय कुछ समय पहले भी पाकिस्तान को आगाह कर चुका है कि गिलगित और बाल्टिस्तान समेत पूरा जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग है और इस्लामाबाद को इस इलाके को तत्काल खाली कर देना चाहिए जिसपर उसने अवैध कब्जा कर रखा है। लेकिन, बावजूद इसके पाकिस्तान ने चीन की मिलीभगत से वहां ड्रैगन की दखलंदाजी बढ़ाने की चाल चली है।
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