PNB Scam: महज 100 करोड़ की गारंटी पर मेहुल चोकसी ने बैंकों से निकाले 5280 करोड़ रुपए
नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक घोटाले में हर दिन चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। इस घोटाले दूसरे मुख्य आरोपी गीतांजलि जेंम्स के प्रमोटर मेहुल चोकसी ने 31 बैंकों से नवंबर 2010 में अप्रैल 2014 के बीच 5280 करोड़ रुपए का लोन लिया था। जिसमें बैंक को केवल 100 करोड़ रुपए की ही गारंटी मिली थी। इलाहाबाद बैंक की पूर्ण स्वामित्व वाली ऑलबैंक फाइनेंस लिमिटेड इस मामले में प्रतिभूतियों की संरक्षक है।
इन 31 बैंको से लिया लोन
सूत्रों ने बताया कि जांच एजेंसियों ने इलाहाबाद बैंक और ऑलबैंक फाइनेंस के अधिकारियों से कहा है कि वे बकाया ऋण का विवरण चोकसी की फर्मों को दे दें और कर्ज के खिलाफ अपर्याप्त गांरटी के कारणों की व्याख्या करें। चोकसी ने इलाहाबाद बैंक, आंध्र बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, केनरा बैंक, कॉर्पोरेशन बैंक, देना बैंक, इंपोर्ट-एक्सपोर्ट बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, आईडीबीआई बैंक से ऋण लिया। इसके अलावा इंडसइंड बैंक, कर्नाटक बैंक, करूर वैश्य बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर और जयपुर, सिंडिकेट बैंक, यूनियन बैंक, यूनाइटेड बैंक, विजया बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मॉरीशस, कैथोलिक सीरियन बैंक, लक्ष्मी विलास बैंक, जम्मू और कश्मीर बैंक और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से भी लोन लिया है।
चोकसी ने खोली थी 73 कंपनियां
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अगस्त 2013 में, बैंकों के कंसोर्टियम ने चोकसी की फर्मों की उधार लेने की सुविधाएं बढ़ाकर 3,610 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 5,280 करोड़ रुपये कर दी थी। पंजाब नेशनल बैंक में 12,700 करोड़ रुपये के फर्जी लेनदेन के चलते चोकसी से जुड़ी कम से कम 73 कंपनियां सीबीआई, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एसएफआईओ की जांच के दायरे में आ गई हैं। इन 73 फर्मों के विश्लेषण से पता चलता है कि चोकसी ने अपने व्यापार को अचल संपत्ति, कृषि और डेयरी, दूरसंचार, सूचना प्रौद्योगिकी, वित्तीय सेवाओं और स्टॉक ट्रेडिंग जैसे असंबंधित क्षेत्रों में बदल दिया।
ट्रेडिंग कंपनी को बदल दिया हीरा फर्म में
इन कंपनियों के वित्तीय रिकॉर्ड बताते हैं कि उनमें से कुछ कंपनियां थोड़ी बहुत सफल रहीं और कुछ को थोड़े समय बाद बंद कर दिया गया। उदाहरण के लिए, 2011 में परजिका मल्टीट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना कृषि, वाणिज्यिक, औद्योगिक उत्पादों, खाद्य उत्पादों और खेतों और वन उत्पादों में सौदा करने के लिए हुई थी। लेकिन 2012 में चोकसी ने फर्म के कारोबार को हीरा कारोबार में बदल दिया और 21 नवंबर, 2014 को सरकार की फास्ट-ट्रैक एग्जिट स्कीम के तहत फर्म को बंद कर दिया।