PNB बैंक घोटालाः प्रत्यर्पण की अगली सुनवाई तक बढ़ी भगोड़े नीरव मोदी की रिमांड
नई दिल्ली। करीब 2 अरब डॉलर के पीएनबी बैंक घोटाले में आरोपी और भगोड़ा हीरा कारोबारी नीरव मोदी की रिमांड प्रत्यर्पण की अगली सुनवाई तक बढ़ गई है। शुक्रवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर मैजिस्ट्रेट कोर्ट में वीडियो लिंक के जरिए हुई नियमित सुनवाई में 49 वर्षीय नीरव मोदी को अब भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्डरिंग मामले में 3 नवंबर को प्रत्यर्पण के लिए होने वाली अगली सुनवाई में कारागार से वीडियो लिंक के जरिए पेश होना होगा।
जानिए,
क्या
है
स्वामित्व
योजना?
11
अक्टूबर
को
6
राज्यों
में
लांच
करेंगे
प्रधानमंत्री
मोदी
वेस्टमिंस्टर मैजिस्टेट कोर्ट ने कहा कि रिमांड मामले पर आशिंक सुनवाई हो चुकी है
शुक्रवार को मामले की सुनवाई के दौरान वेस्टमिंस्टर मैजिस्टेट कोर्ट ने कहा कि रिमांड मामले पर आशिंक सुनवाई हो चुकी है और 3 नवंबर को प्रत्यर्पण मामले में होने वाली अगली सुनवाई तक के लिए मामले की सुनवाई को स्थगित कर रहे हैं। अगली सुनवाई में कोर्ट में भारतीय अधिकारियों द्वारा मुहैया कराए गए साक्ष्यों की स्वीकार्यता पर विचार करने के लिए दलीलें रखी जाएंगी।
अंतिम सुनवाई दिसंबर या अगले साल की शुरूआत में हो सकती है
माना जा रहा है कि इस मामले में कम से कम एक और अंतिम सुनवाई दिसंबर या अगले साल की शुरूआत में हो सकती है, जिसमें दोनों पक्ष अंतिम दलील रखेंगे। इसके बाद मामले में फैसला आ सकता है। इस बीच नीरव मोदी ने वैंड्सवर्थ जेल में ही रखा जाएगा, जहां वह पिछले साल मार्च से गिरफ्तारी के बाद से बंद है।
डिप्रेशन का हवाला देकर नीरव मोदी ने जमानत याचिका दायर की थी
हालांकि डिप्रेशन का हवाला देकर नीरव मोदी ने जमानत याचिका जरूर दायर की थी और कहा था कि मामले के राजनीतिकरण के कारण उसे भारत में निष्पक्ष सुनवाई की संभावना नहीं दिख रही है। सुनवाई में भारत सरकार द्वारा पर्याप्त जेल की शर्तों का आश्वासन प्रदान किया गया है, जिसमें नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर उचित मानसिक स्वास्थ्य देखभाल की अतिरिक्त प्रतिबद्धताएं शामिल हैं।
पिछले महीने न्यायमूर्ति सैमुअल गूजी की अध्यक्षता में 5-दिवसीय सुनवाई हुई थी
गौरतलब है पिछले महीने न्यायमूर्ति सैमुअल गूजी की अध्यक्षता में पांच-दिवसीय प्रत्यर्पण और प्रत्यर्पण के विरोध में हुई सुनवाई में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए दलीलें दीं थी। क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (CPS) ने भारतीय अधिकारियों की ओर बहस करते हुए सीबीआई की जांच में नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के अतिरिक्त आरोपों के समर्थन में कोर्ट में एक वीडियो भी चलाया था।