मोदी सरकार ने कालाधन की जानकारी देने से किया इनकार
Recommended Video
नई दिल्ली। 2014 के लोकसभा चुनाव का एक बड़ा मुद्दा काला धन था, जिसका जिक्र तकरीबन हर चुनावी रैली में किया गया था लेकिन मौजूदा भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में काले धन से जुड़ी जानकारी देने से साफ इनकार कर दिया है। दरअसल प्रधानमंत्री कार्यालय से काला धन को लेकर सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी गई थी, जिसका जवाब देने से प्रधानमंत्री कार्यालय ने इनकार कर दिया है। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि अगर हम इस जानकारी को मुहैया कराते हैं तो मामले की जांच बाधित होगी।
विशेष जांच दल का गठन
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि अगर हम इस मामले की जानकारी देते हैं तो ना सिर्फ इस मामले की जांच प्रभावित होगी बल्कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा भी प्रभावित हो सकता है। गौर करने वाली बात है कि केंद्रीय सूचना आयोग ने प्रधानमंत्री कार्यालय से 15 दिन के भीतर काला धन से जुड़ी जानकारी कोाझा करने के लिए कहा था। प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया कि इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का पहले ही गठन किया जा चुका है और यह जांच अभी जारी है।
नहीं किया जा सकता है खुलासा
व्हिसलब्लोवर ब्यूरोक्रैट संजीव चतुर्वेदी ने एक आरटीआई दाखिल करके पीएमओ से जवाब मांगा था कि विदेश से कितना काला धन अभी तक आया है। जिसपर पीएमओ की ओर से कहा गया है कि अगर सरका द्वारा की जा रही जांच का इस वक्त खुलासा किया जाता है ति पूरी जांच प्रक्रिया और आरोपियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई बाधित हो सकती है। गौर करने वाली बात यह है कि मौजूदा समय में भारत या विदेश में कितना कालाधन है इसकी कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है।
770 अरब डॉलर कालाधन
अमेरिकी थिंकटैंक ग्लोबल फाइनेंशियल इंटीग्रिटी के एक अध्ययन के अनुसार 2005-2014 के बीच भारत में कुल 770 अरब डॉलर का काला धन आया ता। जिसमे से 165 अरब डॉलर काला धन विदेश भेज दिया गया है। बहरहाल देखने वाली बात यह है कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल के खत्म होने से पहले कालाधन को लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने आती है, या एक बार फिर से 2019 में यह महज एक चुनावी मुद्दा बनकर रह जाता है।