सीबीआई मामले में PMO पर कांग्रेस ने लगाए गंभीर आरोप, रिश्वत लेने बाले मंत्री को बचा रही है सरकार
नई दिल्ली। सीबीआई को लेकर मचा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। जहां एक ओर सीबीआई के भीतर कलह चल रहा है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस बीजेपी के उपर सीबीआई के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगा रही है। सोमवार को कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बीजेपी और पीएमओ पर जबरदस्त हमला बोला। सुरजेवाला ने कहा कि, पूरी अफसरशाही , पीएमओ कार्यालय दोषियों को बचाने और निर्दोषों को फंसाने में लगा हुआ है। ऐसे में देश के अंदर कानून की रक्षा कौन करेगा?
चोरों का संरक्षण प्रधानमंत्री कार्यलय द्वारा किया जा रहा है
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, हाल ही कुछ बेहद चौकाने वाले दस्तावेज जनता के सामने आए हैं। जिनमें दिख रहा है कि, कैसे चोरों का संरक्षण प्रधानमंत्री कार्यलय द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि, मोदी सरकार के एक मंत्री पर रिश्वत लेने का आरोप लगा है, वही उनकी सरकार के दो मंत्री उसे बचाने में जुटे हुए हैं। उनका आऱोप है कि मंत्री पर लगे रिश्वत के आरोपों की जांच को कानून सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कैबिनेट सचिव प्रभावित कर रहे हैं। इस देश में इस तरह के हालात पैदा हो जाएंगे तो देश कैसे चलेगा? सुरजेवाला ने इस पत्रों का हवाला देते हुए मोदी सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने सीबीआई अधिकारी मनोज कुमार सिन्हा के उस पत्र का जिक्र किया है जिसें उन्होंने कई बड़े अधिकारियों और मंत्रियों पर गंभीर आरोप लगाए है। उन्होंने कहा कि, डायरेक्टर सीबीआई मनोज कुमार ने अपनी रिपोर्ट में आरोप लगाया है कि, जब उस व्यक्ति को पकड़ा गया तो उसने धौंस जमाई कि एनएसए अजीत डोभाल उनके आदमी हैं। वह उन सभी अधिकारियों को बर्खास्त करवा देंगे।
राकेश अस्थाना की जांच में सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दखलंदाजी कर रहे हैं
कांग्रेस ने सभी आरोप सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के आधार पर लगाए हैं। सिन्हा ने याचिका में दो बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। पहला आरोप है कि स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना की जांच में सीधे राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार दखलंदाजी कर रहे हैं। दूसरा आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जब सीवीसी जांच चल रही थी, तब कानून सचिव सुरेश चंद्र ने सना सतीश पर दबाव डालने की कोशिश की थी और उसे कैबिनेट सेक्रेटरी पीके सिन्हा का कथित मैसेज दिया था।
डोभाल ने अस्थाना के घर नहीं करने दी छापामारी
इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक, सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर ने याचिका में दावा किया है कि डोभाल ने राकेश अस्थाना की जांच वाले मामले में दखल दिया और उनके घर में सर्च नहीं होने दी। रिश्वत लेने के आरोपी अस्थाना के खिलाफ जांच का जिम्मा देख रहे एमके सिन्हा का कहना है कि केस में शामिल दो बिचौलियों का डोभाल के साथ करीबी रिश्ते हैं। बता दें अस्थाना के खिलाफ घूस मामले की जांच कर रहे सीबीआई ज्वाइंट डायरेक्टर एम के सिन्हा उन अफसरों में शामिल हैं, जिनका रात दो बजे तबादला कर दिया गया था।
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रॉ ऑफिसर बोला-पीएमओ ने सीबीआई को मैनेज कर लिया है
राकेश अस्थाना के खिलाफ शिकायत करने वाले कारोबारी सना सतीश बाबू ने एम के सिन्हा को बताया कि कोयला और खान राज्य मंत्री हरिभाई पार्थीभाई चौधरी को सीबीआई मामले में कथित मदद के लिए करोड़ों रुपए की घूस दी गई। चौधरी गुजरात से सांसद हैं और पीएम मोदी के करीबी बताए जाते हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि उनके पास भारत की खूफिया एजेंसी 'रॉ' के अधिकारी सामंत गोयल की बातचीत ट्रेक की थी। जिसमें वह कह रहे हैं, पीएमओ ने सीबीआई को मैनेज कर लिया है। सिन्हा का कहना है कि इस बातचीत वाली रात को ही अस्थाना मामले में जांच करने वाली पूरी सीबीआई टीम को हटा दिया गया।
अस्थाना का बिचौलिया गिरफ्तारी से बौखला गया था
याचिका में सिन्हा ने ये दावा भी किया कि मोइन कुरैशी मामले में सना सतीश बाबू ने चीफ विजिलेंस कमिश्नर के वी चौधरी से मुलाकात की थी। सिन्हा का आरोप है कि इस मामले में शामिल दो बिचौलिए एनएसए अजीत डोभाल के करीबी हैं। याचिका में एमके सिन्हा ने कहा है, 'मनोज प्रसाद (अस्थान मामले में गिरफ्तार बिचौलिया) के मुताबिक उसके पिता दिनेश्वर प्रसाद और जॉइंट सेक्रेटरी पद से रिटायर्ड सोमेश के अजित डोभाल (एनएसए) से अच्छे संबंध रहे हैं। सिन्हा का कहना है कि जब मनोज को सीबीआई दफ्तर जांच के लिए लाया गया तब वह हैरान था कि एनएसए डोभाल के होते हुए सीबीआई उसे कैसे उठा सकती है।
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