पहल: असम-नागालैंड में हिंसा पर PMO ने मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली। बीते दिनों से हिंसा में झुलस रहा असम अब शांति और सुकून की ठंडी धार तलाश रहा है। असम और नागालैंड सीमा पर जारी हिंसा को देखते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने गृह मंत्रालय से इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। हालांकि तुरंत गृह मंत्रालय हरकत में आकर दो घंटे के अंदर रिपोर्ट तैयार कर भेज दी गई।
हालिया हालात-
पीएम नरेंद्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्र ने गृह मंत्रालय से असम के गोलाघाट जिले में सीमा पर स्थिति को लेकर विस्तृत ब्यौरा भेजने को कहा था। असम-नागालैंड सीमा पर सप्ताह भर पहले नगालैंड के सशस्त्र समूहों के हमले के बाद हिंसा भड़क गई थी।
गौरतलब है कि यह हिंसा नागालैंड सीमा पर बसे गोलाघाट में नागा उपद्रवियों द्वारा असम के नौ लोगों की हत्या के बाद भड़की है। पीएमओ को भेजी गई रिपोर्ट में कहा गया कि वहां स्थिति सामान्य बनाने के लिए करीब 1000 पैरा मिलिट्री सैनिकों को भेजा गया है।
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गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू भी असम यात्रा पर जा रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने असम और नगालैंड के मुख्यमंत्रियों से बात करके उनसे शांति बनाए रखने की अपील की है। दरअसल पिछली कई हिंसाओं में जानकार कहते आए हैं कि एक तरफ बोडो समुदाय है तो दूसरी तरफ बंगलादेशी घुसपैठिए हैं।
पुरानी
तस्वीर-
सुप्रीम
कोर्ट
ने
सन
2005
के
बाद
2006
में
भी
सरकार
को
बांग्लादेशी
नागरिकों
को
देश
से
बाहर
करने
का
निर्देश
दिया
है,
किंतु
बांग्लादेशी
नागरिकों
के
निष्कासन
पर
सरकारें
लगभग
खामोश
रही
है।
दुर्दशा-
स्थानीय
बोडो
लोगों
को
उनके
घरों
और
जमीनों
से
खदेड़
भगा
दिया
करते
हैं।
विदेशियों
के
हाथों
अपने
सम्मान,
अस्तित्व
और
पहचान
लुटता
देख
जब
स्थानीय
लोगों
ने
कड़ा
प्रतिरोध
करना
शुरू
किया
तो
आंदालेन
उग्र
रूप
लेता
गया।
हाल
में
आई
बाढ़
से
असम
के
भी
14
जिले
प्रभावित
हुए
थे।
हालांकि
मोदी
सरकार
उचित
कदम
उठाकर
हालात
को
नियंत्रित
करने
के
प्रयास
लगातार
कर
रही
है।