विजय माल्या को पीएमएलए अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया
नई दिल्ली। बैंकों से लोन लेकर फरार चल रहे कारोबारी विजय माल्या को मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया है। अब माल्या की संपत्ति को ईडी जब्त कर सकेगी। विजय माल्या की संपत्तियों को जब्त करने पर विशेष पीएमएलए अदालत में पांच फरवरी को सुनवाई होगी। विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने मुंबई स्थित पीएमएलए की विशेष कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर आज अदालत ने फैसला सुनाया है।
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मुंबई की स्पेशल अदालत द्वारा माल्या को आर्थिक भगोड़ा घोषित किए जाने के बाद प्रवर्तन निदेशालय को उसकी संपत्ति जब्त करने का अधिकार मिल गया है। माल्या को 'भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम-2018' के तहत भगोड़ा घोषित करने वाली याचिका पर फैसले के लिए मुंबई की विशेष अदालत ने पहले 26 दिसंबर की तारीख तय की थी। तब कोर्ट ने इस फैसले को 5 जनवरी 2019 तक के लिए सुरक्षित रखा लिया था।
62 साल के विजय माल्या ने पीएमएलए कोर्ट ने दलील थी कि वह भगोड़ा अपराधी नहीं है और न ही मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल है। माल्या ने दिसंबर अदालत से गुजारिश की थी कि उसे आर्थिक भगोड़ा अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय के जरिये शुरू की गई कार्रवाई पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने माल्या की इस अर्जी को खारिज कर दिया था।
विजय माल्या पर अलग-अलग बैंकों का नौ हजार करोड़ से ज्यादा का कर्ज बकाया है। मार्च 2016 में विजय माल्या देश से बाहर चला गया था। विजय माल्या इस समय लंदन में है। लंदन की कोर्ट माल्या के प्रत्यर्पण के लिए रजामंदी दे चुकी है, लेकिन माल्या के पास फिलहाल इसके खिलाफ अपील करने के लिए वक्त है।
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