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पंडित नेहरू ने भी की थी जगदीप के अभिनय की तारीफ, तोहफे में दी थी ये खास चीज

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मुंबई। बुधवार को हिंदी सिनेमा के मशहूर कॉमेडियन जगदीप ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया, 81 वर्ष के जगदीप पिछले काफी समय से बीमार चल रहे थे, आपको बता दें कि उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था और उनका जन्म 29 मार्च 1929 को हुआ था, जगदीप ने करीब 400 फिल्मों में काम किया और अपनी अदायगी से हर किसी को हंसने पर मजबूर किया, उनकी बेहतरीन एक्टिंग को फिल्म जगत कभी भी भूल नहीं पाएगा।

सूरमा भोपाली के नाम हुए मशहूर

सूरमा भोपाली के नाम हुए मशहूर

हिंदी सिनेमा की मशहूर 'शोले' में सूरमा भोपाली का रोल अदा करके लोगों के दिलों को गुदगुदाने वाले जगदीप का जीवन काफी संघर्ष से गुजरा था, उन्होंने पेट पालने के लिए सड़कों पर कंघी और साबुन तक बेचा था लेकिन कभी भी पैसे कमाने के लिए शार्ट कट का सहारा नहीं लिया, उनके संघर्ष और कठिन तपस्या का ही फल रहा कि उनकी गितनी बॉलीवुड के नामचीन कॉमेडियन में होती है। मालूम हो कि मध्यप्रदेश के दतिया में जन्मे जगदीप, के पिता पेशे से वकील थे लेकिन उनका इंतकाल साल 1947 में ही हो गया था।

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'बेटे जगदीप ने गुजारे के लिए साबुन-कंघी बेची'

'बेटे जगदीप ने गुजारे के लिए साबुन-कंघी बेची'

बंटवारे के बाद उनकी मां सारे बच्चों को लेकर मुंबई आ गई थीं और एक अनाथ आश्रम में सेविका का काम करने लगी थीं, अपनी मां की दिन रात मेहनत को देखकर प्रदीप ने भी काम करने की सोची और उन्होंने सड़क पर कंघी, साबुन बेचना शुरू कर दिया, जिसके लिए उन्हें डेढ़-दो रु मिलते थे, इसी दौरान उनकी मुलाकात बीआर चोपड़ा से हुई, जो कि उस वक्त 'अफसाना' नाम की फिल्म बना रहे थे, उन्होंने प्रदीप से कहा कि क्या वो फिल्मों में काम करेंगे, तीन रु मिलेंगे, जिसे सुनकर 8 साल के बच्चे ने हां कर दी और बतौर एक्स्ट्रा चाइल्ड कलाकार के रुप में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की।

प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया तोहफा

प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया तोहफा

इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में मास्टर मु्न्ना के नाम से बालकलाकार के रूप में काम किया लेकिन बिमल रॉय की 'दो बीघा जमीन' ने उन्हें पहचान दिलवाईं। इसके बाद आई पीएल संतोषी की फिल्म 'हम पंछी एक डाल' में उनके करियर को एक नया मोड़ दे दिया, उस वक्त जगदीप 18 बरस के हो चुके थे और उन्होंने अपनी एक्टिंग से हर किसी को अपना मुरीद बना लिया था, उस फिल्म को देखने के बाद भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू इतने खुश हुए थे कि जगदीप के लिए कुछ दिन तक उन्होंने अपना पर्सनल स्‍टाफ तोहफे में दे दिया था।

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

जगदीप आखिरी बार परदे पर 2012 में रूमी जाफरी की फिल्म 'गली गली में चोर है' में दिखाई दिए थे। 2019 में जगदीप को आईफा ने लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया था और इस मौके पर उनके बेटे जावेद जाफरी और पोते मीजान जाफरी उनके साथ मौजूद थे।

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English summary
PM Pandit Jawaharlal Nehru Praised Actor Jagdeep for his brilliant work in Hum Panchhi Ek Dal Ke, Read interesting facts about it.
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