पीएम मोदी ने मंत्रियों को दिया बेहद अहम काम, एक को छोड़ सारे निकले फिसड्डी
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नई दिल्ली। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के सदस्यों से कहाथा कि वो देश के अलग-अलग हिस्सों में जाएं। पीएम ने कहा था कि 14 अप्रैल (अंबेडकर दिवस) से तीन हफ्तों तक गावों में जाएं जो 5 मई तक जारी रहेगा। वो चाहते थे कि सभी पार्टी सांसद और विधायक कम से कम 1 रात उन गांवों में गुजारे जहां दलित आबादी 50 फीसदी या उससे ज्यादा है। ऐसे 20,000 गावों की पहचान की गई थी। बुधवार को कैबिनेट के साथियों से एक अनौपचारिक बातचीत में मोदी ने पूछा कि कितने लोग उन 20,000 गांवों में से किसी एक में 1 रात रुके। इस पर सिर्फ कृषि मंत्री राधामोहन सिंह सामने आए और जवाब हां में दिया। कार्यक्रम के खत्म होने में सिर्फ 1 हफ्ता बचा है, जिसके बाद एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
पार्टी को बदलने की कोशिश
पिछले चार सालों के दौरान मोदी ने अपनी पार्टी को बदलने की कोशिश की और इसके परिणामस्वरूप उनकी सरकार भी एक ग्रामीण, किसान-अनुकूल दृष्टिकोण के प्रति बदली और इस धारणा को बदल दिया कि बीजेपी शहरी, उत्तर भारतीय, ऊपरी जाति की ही पार्टी है। पार्टी सांसदों और विधायकों को गांवों की यात्रा में पार्टी के संदेश को घर-घर भेजने के पर जोर दिया गया है।
एक हफ्ते बाद रिपोर्ट
गांव तक पहुंचने का कार्यक्रम सरकार की उपलब्धियों के बारे में जागरूकता फैलाने से मोदी सरकार की चौथी सालगिरह मनाने के लिए पहलों की एक सतत श्रृंखला का भी हिस्सा है। सड़क और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और रेल मंत्री पीयूष गोयल शामिल मंत्रियों की एक समिति सरकार द्वारा किए गए कार्यों पर एक रिपोर्ट तैयार कर रही है।
एनडीए सरकार में विभिन्न प्रकार के समारोह
सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र ने कहा कि सरकार पिछले 48 महीनों में अपने काम की रिपोर्ट एक साथ रख रही है और हर विभाग को समिति को तुलनात्मक रिपोर्ट भेजने के लिए कहा गया है। यूपीए सरकार अपनी सरकार की सालगिरह मनाने के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट पेश करती थी। लेकिन एनडीए सरकार में विभिन्न प्रकार के समारोह हुए हैं, जिसमें मोदी द्वारा दीनदयाल उपाध्याय के जन्मस्थल नागला चंद्रभान में एक विशाल रैली शामिल है।