Mann Ki Baat: जानिए साल 2010 में आए राम जन्मभूमि के फैसले पर क्या बोले पीएम मोदी ?
नई दिल्ली। आज दीपावली के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों से 'मन की बात' की, यह 'मन की बात' कार्यक्रम का 58वां एपिसोड था, आज सुबह 11 बजे से इस कार्यक्रम का आकाशवाणी के जरिये प्रसारण हुआ और इस कार्यक्रम के जरिये पीएम मोदी ने एक बार फिर से अपने विचार देश के लोगों से साझा किए।
'राम जन्मभूमि पर जब फैसला आया तो सभी ने संयम रखा'
इसी कार्यक्रम में पीएम मोदी ने राम जन्मभूमि पर आगे फैसले पर भी अपनी बात कही, पीएम ने अपने लोकप्रिय कार्यक्रम में अयोध्या मसले पर आए साल 2010 के फैसले का जिक्र किया, उन्होंने कहा कि राम मंदिर मामले पर इलाहाबाद हाई कोर्ट का जब फैसला आना था तो देश में कुछ बड़बोले लोगों ने क्या-क्या नहीं बोला था, वो अपने बयान में ये भी भूल गए थे कि वो क्या बोल रहे हैं और किसको बोल रहे हैं, यह बयानबाजी लगातार पांच-दस दिन तक चलता रही।
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'साधु संतों ने बहुत ही संतुलित और संयमित बयान दिए'
कैसे-कैसे 'इंटरेस्ट ग्रुप' उस माहौल का अपने-अपने तरीके से फायदा उठाने के लिए खेल खेल रहे थे, माहौल में गर्माहट पैदा करने के लिए किस-किस प्रकार की भाषा बोली जाती थी, लेकिन जब रामजन्मभूमि पर फैसला आया तब सरकार, राजनीतिक दलों ने, सिविल सोसाइटी ने, सभी संप्रदाय के प्रतिनिधियों ने, साधु संतों ने बहुत ही संतुलित और संयमित बयान दिए, माहौल से तनाव कम करने का प्रयास किया।
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'मन की बात' कार्यक्रम
इस कार्यक्रम के जरिए पीएम ने दिवाली के मौके पर देशवासियों से स्थानीय लोगों, बुनकरों और कारीगरों से सामान खरीदने का आग्रह किया, बता दें कि पीएम मोदी द्वारा साल 2014 में पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही 'मन की बात' कार्यक्रम की शुरुआत की गई थी।
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