लद्दाख: चीन के साथ जारी टकराव के बीच अचानक लेह पहुंचे पीएम मोदी, गलवान हिंसा में घाायल जवानों का लेंगे हालचाल
नई दिल्ली। चीन के साथ जारी टकराव के बीच ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लद्दाख पहुंचे हैं। यहां पहुंचने का उनका कोई तय प्रोग्राम नहीं था और उनके इस तरह से लेह पहुंचने पर हर कोई हैरान है। माना जा रहा है कि वह एलएसी पर हालातों का जायजा ले सकते हैं। इससे पहले खबरें आई थीं कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लद्दाख का दौरा कर सकते हैं मगर गुरुवार को उनका दौरा कैंसिल होने की जानकारी दी गई।
Recommended Video
यह भी पढ़ें- LAC पर पीछे हटने को राजी हुआ चीन, 72 घंटे तक रहेगी नजर!
11,000 फीट पर सैनिकों के साथ मीटिंग
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और आर्मी चीफ जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी मौजूद हैं। पीएम मोदी इस समय सेना, वायुसेना और इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के सैनिकों के साथ 11,000 फीट की ऊंचाई पर फॉरवर्ड पोस्ट वाले इलाके में वार्ता कर रहे हैं। माना जा रहा है कि पीएम मोदी 14 कोर के अधिकारियों से भी मुलाकात कर सकते हैं। वह उन जवानों से भी मुलाकात करेंगे जो 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में घायल हो गए थे। पीएम मोदी यहां पर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेंगे। पीएम मोदी और सीडीएस रावत के साथ नॉर्दन आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी और 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह भी मौजूद हैं।
#WATCH Prime Minister Narendra Modi briefed by senior officials in Nimmoo, Ladakh pic.twitter.com/uTWaaCwUVL
— ANI (@ANI) July 3, 2020
CDS जनरल रावत रहेंगे लद्दाख में
इस समय पीएम मोदी मोदी नीमू में एक फॉरवर्ड लोकेशन पर हैं। नीमू एक मुश्किल रास्ता है जो जांसकार रेंज से घिरा हुआ है। यह जगह सिंधु नदी के किनारे पर स्थित है। जनरल रावत आज पूरे दिन पूर्वी लद्दाख में रहेंगे। वह यहां पर चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के खिलाफ तीनों सेनाओं की तैयारियों का जायजा लेंगे। साथ ही वह यहां चार जगहों के लिए प्रस्तावित डिएस्केलशन और डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को भी समझेंगे। साल 2017 में जब चीन के साथ डोकलाम में विवाद हुआ था तो उस समय जनरल रावत आर्मी चीफ थे। यह तनाव 73 दिन बाद जाकर खत्म हो सका था। सूत्रों का मानना है कि डिएस्केलशन प्रक्रिया में अभी वक्त लगेगा। बातचीत अभी बस पीएलए के कमांडर्स से ही हो रही है और सरकारों के बीच बातचीत फिलहाल नहीं हुई है।